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बुंदेलखंड फिर बनेगा दाल का कटोरा, देशभर से जुटेंगे दिग्गज कृषि विशेषज्ञ और पद्मश्री किसान

बांदा के कालिंजर में 10 फरवरी को होने वाले अरहर सम्मेलन में विशेषज्ञ स्टार्टअप के गुर और पद्मश्री किसान सक्सेस स्टोरी बताएंगे।

By AbhishekEdited By: Updated: Fri, 07 Feb 2020 10:00 AM (IST)
बुंदेलखंड फिर बनेगा दाल का कटोरा, देशभर से जुटेंगे दिग्गज कृषि विशेषज्ञ और पद्मश्री किसान
बांदा, जेएनएन। डिफेंस कॉरीडोर और पेयजल योजनाओं के साथ बुंदेलखंड को समृद्ध बनाने के लिए सरकार ने एक और कदम बढ़ाया है। बुंदेलखंड को फिर दाल का कटोरा बनाने के लिए मुहिम छेड़ी जा रही है। इसके लिए दस फरवरी को बांदा के कलिंजर में अरहर सम्मेलन किया जा रहा है ताकि क्षेत्र में सूख चुकी दाल की फसल को फिर हरा किया जा सके। बुंदेलखंड में एग्रो टूरिज्म को बढ़ावा देकर किसानों को समृद्ध बनाने की तैयारी है।

इसलिए है खास बुंदेलखंड

बुंदेलखंड में इस वर्ष कुल 1,38,687 हेक्टेयर में दलहन की खेती हुई। इसमें अरहर का रकबा 17753 हेक्टेयर, मसूर का 29824 और चना 91110 हेक्टेयर में बोया गया। सिंचाई की विकराल समस्या के बाद भी बांदा में दलहनी फसलें भरपूर होती हैं। कभी बांदा को दाल का कटोरा कहा जाता था, यहां तरह-तरह की दालों का उत्पादन होने से सैकड़ों की संख्या में दाल मिलें थी। हजारों लोगों को रोजगार मिला था। लेकिन, सूखा, डकैतों और पलायन की वजह से दाल का कटारा सूखने लगा और उद्योग बंद पड़ गए। अपने अभिनव प्रयोगों के कारण राष्ट्रपति से सम्मानित हो बांदा के जिलाधिकारी हीरालाल ने दाल कटोरे को फिर से हरा करने की ठानी है। बुंदेलखंड को अरहर से समृद्ध करने की मंशा से दस फरवरी को कालिंजर के कटरा में अरहर सम्मेलन आहूत किया है।

किसान सीखेंगे ब्रांडिंग का तरीका और स्वरोजगार के गुर

कालिंजर में होने वाले अरहर सम्मेलन में कृषि विकास के क्षेत्र में काम करने वाली देश की दस बड़ी स्वयंसेवी संस्थाएं, दलहन, सरसों और गन्ना के क्षेत्र में बेहतर विधियां अपनाकर उत्पादन बढ़ाने वाले पद्मश्री सम्मानित प्रगतिशील किसान, बाजार की जरूरत और ब्रांडिंग का तरीका बताने के लिए बड़ी कंपनियों के प्रतिनिधि, कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप व स्वरोजगार की संभावनाएं बताने वाले आइआइटी के विशेषज्ञ और मिलर्स-कारोबारी शामिल होंगे। डीएम हीरालाल ने बताया कि कालिंजर के कटरा में दस फरवरी को अरहर सम्मेलन में देश भर के प्रगतिशील किसान, वैज्ञानिक, विशेषज्ञ और संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल होंगे। बांदा में दाल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए यह बड़ा कदम हो सकता है।

किसानों की आय बढ़ाने पर होगा जोर

किसानों की आय दोगुनी करने के उपाय के मद्देनजर हो रहे इस सम्मेलन में कृषि क्षेत्र की स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इसमें आश्री फाउंडेशन बाराबंकी के विपिन कुमार, किसान वीएम, मोहाली के भानु प्रकाश, ग्रो फार्म बाराबंकी के राहुल वर्मा, अभिनव फार्मर्स क्लब पुणे के दानेश्वर बोड़के, एग्रो स्टार्टअप शुरू करने वाले आइआइटी कानपुर से राहुल पटेल, पूसा इन्क्यूबेटर नई दिल्ली से के शिवम शर्मा, विलेज स्टोरी, बेंगलुरू की अनामिका विष्ट, श्रमिक भारती कानपुर के राकेश पांडेय, स्कोर्स ट्रेस नई दिल्ली के कुणाल तिवारी शामिल होंगे। ये सभी दलहन की उन्नत खेती के बारे में बताएंगे।

बाजार की जरूरत बताएंगी कंपनियां

आइटीसी, बिग बाजार, वालमार्ट, आर्गेनिक इंडिया, स्पेंसर, बिगहाट जैसी कंपनियों के प्रतिनिधि बाजार की जरूरत और ब्रांडिंग का तरीका बताएंगे।

पद्मश्री बताएंगे सफलता की कहानी

भारत भूषण त्यागी बुलंदशहर, बाबूलाल दाहिया सतना, रामशरण वर्मा बाराबंकी, पोपटराव पवार अहमद नगर महाराष्ट्र, कंवल ङ्क्षसह चौहान हरियाणा, राजकुमारी देवी मुजफ्फरपुर बिहार, देङ्क्षवदर शर्मा मोहाली पंजाब, आरसी चौधरी गोरखपुर, मान ङ्क्षसह भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली, विनय कुमार गुप्ता जालौन, डा. गया प्रसाद पूर्व कुलपति सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विवि मेरठ, विजय जरधारी चंबा उत्तराखंड, डा. नीरू भूषण प्रधान वैज्ञानिक पूसा नई दिल्ली, प्रो. अमिताभ बंदोपाध्याय आईआईटी कानपुर, कुलदीप ङ्क्षसह जैविक कृषि व्यवसायी गुजरात, श्याम बिहारी गुप्ता झांसी।

फिल्मी सितारे भी आएंगे नजर

अरहर सम्मेलन में सांस्कृतिक मंच भी होगा। इसके लिए फिल्मी दुनिया के कलाकार भी आएंगे। अभी नाना पाटेकर, माधुरी दीक्षित, विवेक ओबराय, अनुपम खेर, सनी देयोल, राजपाल यादव और रघुवीर यादव को निमंत्रण भेजा गया है। राजपाल यादव ने स्वीकृति दे दी है, नाना पाटेकर के भी आने की संभावना है।

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