महंगा हुआ एटीएम का इस्तेमाल, अब और ढीली होगी जेब, बैंकों ने बढ़ाया सर्विस चार्ज और टैक्स
एटीएम के इस्तेमाल से बैंक बैलेंस चेक करना भारी पड़ेगा अब शुल्क और बढ़ा दिया गया है। एक जनवरी से नया चार्ज और सर्विस टैक्स भी वसूला जाने लगा है। अभी तक एक ट्रांजेक्शन पर बीस रुपये का शुल्क लिया जाता था।
By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Sun, 02 Jan 2022 04:22 PM (IST)
कानपुर, जागरण संवाददाता। एटीएम का बार-बार इस्तेमाल करना और महंगा कर दिया गया है। अब एक जनवरी से एटीएम के अतिरिक्त प्रति ट्रांजेक्शन पर 21 रुपये शुल्क हो गया है और इसपर 18 फीसद सर्विस टैक्स भी लगेगा। बैंक यह राशि सीधे खाते से काट लेगा। खाते में रकम न होने पर यह रकम माइनस में दिखेगी। जैसे ही खाते में रुपये आएंगे, सिस्टम खुद ही रुपये काट लेगा। खाता माइनस में होने पर इसका असर कभी लोन लेने पर पड़ेगा क्योंकि इससे सिबिल खराब हो सकती है। अभी एटीएम के तीन फ्री ट्रांजेक्शन के बाद प्रत्येक ट्रांजेक्शन पर बीस रुपये शुल्क लिया जाता था, जिसे अब बढ़ा दिया गया है।
बैंक वित्तीय और गैर वित्तीय एटीएम ट्रांजेक्शन पर शुल्क लेती हैं। अब तक मेट्रो शहरों में तीन बार और नान मेट्रो शहरों में पांच बार एटीएम का ट्रांजेक्शन मुफ्त है। मुफ्त ट्रांजेक्शन की सीमा पूरी होने के बाद जितनी बार भी एटीएम का इस्तेमाल किया जाता था, उस पर 20 रुपये काट लिए जाते थे। इसके साथ ही सर्विस टैक्स भी वसूला जाता था। अब इसे एक रुपये बढ़ा दिया गया है। इसमें एटीएम से रुपये निकलें या ना निकलें, वह ट्रांजेक्शन निरस्त कर दें। बैलेंस की जानकारी लेना भी ट्रांजेक्शन माना जाता है। अब एक जनवरी से नए नियम के अनुसार फ्री ट्रांजेक्शन के बाद यदि कोई खाता धारक एटीएम का इस्तेमाल करता है तो उससे प्रति ट्रांजेकशन बीस रुपये की जगह अब 21 रुपये शुल्क और सर्विस टैक्स लिया जाएगा। यह राशि उसके खाते में बैलेंस से काट ली जाएगी।
वी बैंकर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय महामंत्री आशीष मिश्रा के मुताबिक डिजिटल युग बढ़ रहा है तो इन ट्रांजेक्शन की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए क्योंकि एटीएम में अक्सर ट्रांजेक्शन निरस्त हो जाते हैं लेकिन सिस्टम उन्हें भी गिन लेता है। पीएनबी प्रोग्रेसिव इंप्लाइज एसोसिएशन के प्रांतीय उप महामंत्री संजय त्रिवेदी के मुताबिक अब भी बहुत से लोग रुपये निकालने से पहले बैलेंस चेक करते हैं। इससे एक बार में ही दो ट्रांजेक्शन हो जाते हैं। कारोबारियों को तो अक्सर ही भुगतान के लिए धन निकालना होता है, उनपर तो शुल्क बहुत लगता है।
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