बांग्लादेश में तख्ता पलट का भारत पर पड़ा असर, चमक उठा चर्म निर्यात; आने वाले दिनों में क्या होगा?
बांग्लादेश में तख्तापलट के चलते चमड़े के सामानों के निर्यात में भारत को फायदा हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय कंपनियां बांग्लादेश की अस्थिरता को देखते हुए भारत में संभावनाएं तलाश रही हैं । भारत में चमड़ा निर्यात को लेकर मांग बढ़ रही है और आने वाले दिनों में 20 से 25 प्रतिशत चमड़ा कारोबार में वृद्धि होने की उम्मीद है ।
जागरण संवाददाता, कानपुर। बांग्लादेश में तख्ता पलट का असर भारत के चर्म निर्यात पर पड़ रहा है। वहां अस्थिरता को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भारत में संभावनाएं तलाश रही है। बांग्लादेश से चमड़े की वस्तुएं तैयार करवाने वाली भारतीय कंपनियां भी घर में ही उत्पाद तैयार करवा रही हैं।
भारत में चमड़ा निर्यात को लेकर मांग बढ़ रही है। आने वाले दिनों में 20 से 25 प्रतिशत चमड़ा कारोबार में वृद्धि होने की उम्मीद है। यूरोप व अमेरिका से पहले की तुलना में अधिक आर्डर मिलने लगे हैं। यह कहना है चर्म निर्यात परिषद के पूर्व अध्यक्ष मुख्तारुल अमीन का।
उन्होंने बताया कि ईरान व इजराइल के बीच ताना-तानी से ट्रांसपोर्टेशन कास्ट पर असर पड़ेगा। भारत में प्रदूषण को लेकर सख्त नियम हैं। इसकी तुलना में बांग्लादेश में ऐसा नहीं है। अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को ऐसा लगता था कि सख्त नियम के चलते भारत में आर्डर देने पर उसे समय से पूरा नहीं किया जा सकेगा।
ऐसे में कंपनियां बांग्लादेश की तरफ रुख कर रही थी। हाल ही में बांग्लादेश में हुई उथल-पुथल व यहां की प्रधानमंत्री रही शेख हसीना के देश छोड़ कर जाने का असर यहां के कारोबार पर भी पड़ा। विदेशी कंपनियों को यह लगने लगा कि उनका माल व धनराशि दोनों फंस सकती है।
बांग्लादेश में चल रहे घटनाक्रम के बीच अगर आर्डर दिया तो वह समय से पूरा नहीं हो सकेगा। इसका नुकसान उनको उठाना पड़ेगा। ऐसे में बांग्लादेश को मिलने वाले आर्डर भारत के हिस्से में पहुंच रहे हैं। मुख्तारुल अमीन बताते हैं कि यूरोप व अमेरिका से आने वाले आर्डरों की मांग बढ़ रही है।
यूरोपीय देश भारतीय फैक्ट्रियों में अपना माल तैयार करवाने के लिए आगे आ रहे हैं। अमेरिकन भी बांग्लादेश की बजाय भारत को अधिक सुरक्षित व बेहतर मान रहे हैं। बांग्लादेश में आर्डर फंसने का डर है,भारत में ऐसा नहीं है।
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