'बांग्लादेश में घरों में लोग सुरक्षित, सड़क पर हालात खराब'; कोई फैक्ट्री तो कोई घर में कैद रहने को मजबूर
बांग्लादेश में आरक्षण के मुद्दे पर पूरे देश में हालात काफी खराब हैं। सेना ने शेख हसीना का तख्तापलट कर दिया है। उन्नाव के किसलय शुक्ला का परिवार ढाका में फंसा है। धागा फैक्ट्री के मैनेजर राजेंद्र बताते हैं कि बांग्लादेश में वह जहां रह रहे हैं वहां पर हालात नियंत्रण में हैं। सेना लगी है। हिंसा वाले क्षेत्र से उसका घर काफी दूर है। फिलहाल वह सुरक्षित हैं।
जागरण टीम, कानपुर। बांग्लादेश में शेख हसीना का तख्तापलट होने के बाद से हालात बेहद खराब हैं। उन्नाव के किसलय शुक्ला व उनका परिवार ढाका में फंसा है। फतेहपुर के राजेंद्र सिंह भी वहीं हैं। धागा फैक्ट्री के मैनेजर राजेंद्र बताते हैं कि वह फैक्ट्री के अंदर सुरक्षित हैं, बाहर माहौल खराब है।
उन्नाव के लक्ष्मणलाल शुक्ला के इकलौते बेटे किसलय, पत्नी पूजा व छह वर्षीय बेटे अविरल के साथ ढाका में 2008 से रह रहे हैं। मां मनोरमा ने बताया कि वह एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं।
मंगलवार रात लगभग नौ बजे फोन पर उससे बातचीत हुई थी। बातचीत में उसने बताया था कि बांग्लादेश में वह जहां रह रहे हैं वहां पर हालात नियंत्रण में हैं। सेना लगी है। हिंसा वाले क्षेत्र से उसका घर काफी दूर है। फिलहाल वह सुरक्षित हैं।
फतेहपुर निवासी राजेंद्र सिंह बांग्लादेश में नोमन ग्रुप की धागा बनाने वाली फैक्ट्री में मैनेजर हैं। हिंसा फैलने के बाद फैक्ट्री के अंदर ही रह रहे हैं। राजेंद्र सिंह ने वीडियो संदेश भेजा है। इसमें उन्होंने बताया कि मैं जहां हूं सब ठीक है, पर बाहर माहौल खराब है। उनकी फैक्ट्री से कुछ दूर पर जो फैक्ट्री है उसमें 40 भारतीय काम कर रहे हैं। कहा कि फैक्ट्री मालिक हमारी सुरक्षा व खाने का पूरा ख्याल रख रहे हैं।
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