बैंकों का मेला खत्म करेगा सिक्कों का झमेला
नोटबंदी के दौरान उत्पन्न नकदी संकट से निपटने के लिए बैंकों ने अपनी शाखाओं के जरिये खाताधारकों को सिक्कों में भी भुगतान किया था।
कानपुर (बृजेश दुबे)। 200 करोड़ रुपये से अधिक कानपुर, एक हजार करोड़ से अधिक उत्तर प्रदेश और 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक के सिक्कों के बोझ तले देश भर के बाजारों को राहत मिलने के आसार हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने सिक्कों की समस्या सुलझाने के लिए बैंक शाखाओं पर सिक्का मेला लगाने के लिए एडवाइजरी जारी की है।
इस संबंध में बैंकों को निर्देश दिए जा चुके हैं। बैंक शाखा स्तर पर लगने वाले इस मेले में न केवल खाताधारकों के पास इकट्ठा हुए सिक्का जमा किए जाएंगे बल्कि उन्हें बाजार में सिक्कों की जरूरत और अहमियत भी बताई जाएगी। बैंक सिक्का जमा करने में परेशानी अनुभव न करें, इसके लिए करेंसी चेस्ट के मुख्य प्रबंधकों को भी निर्देशित किया गया है कि वे शाखाओं से सिक्के लें।
नोटबंदी के दौरान उत्पन्न नकदी संकट से निपटने के लिए बैंकों ने अपनी शाखाओं के जरिये खाताधारकों को सिक्कों में भी भुगतान किया था। इसके बाद कुछ समय तक बाजार में सिक्कों में भुगतान होता रहा। ऐसे में कारोबारियों ने भी सिक्के लिए। दिक्कत तब शुरू हुई जब बैंकों ने इन सिक्कों को जमा करने से मना कर दिया। इसका असर यह हुआ है कि कारोबारियों ने बाजार से सिक्के लेने से मना कर दिया और छोटे दुकानदारों, एजेंसियों के पास सिक्के जमा होने लगे। इससे करोड़ों रुपये की कार्यशील पूंजी फंसी और कारोबार में नुकसान की स्थिति आने लगी।
इसे कारोबारी कई बार कर चुके हैं प्रदर्शन: कारोबारियों ने कई बार सिक्कों के प्रबंधन को लेकर सवाल उठाए और आरबीआइ के क्षेत्रीय कार्यालय पर प्रदर्शन भी किया। इस दौरान आरबीआइ ने गाइडलाइन जारी की। जिलाधिकारी ने बैंकों के साथ बैठक कर सिक्का जमा करने के लिए भी कहा। इस पर बैंकों ने एक हजार रुपये तक के सिक्के लेने पर हामी भरी। थोड़े बहुत सिक्के जमा हुए लेकिन करेंसी चेस्टों ने बैंक शाखाओं से सिक्के लेने से मना कर दिया। कहा, सिक्के वापस लेने का कोई नियम है। इस पर बैंक भी सिक्के लेने में आनाकानी करने लगे और स्थिति बिगड़ने लगी।
जारी की एडवाइजरी: इन सभी स्थितियों को देखते हुए प्रमुख बैंक आरबीआइ ने बैंक शाखाओं और करेंसी चेस्ट को सिक्के लेने के निर्देश के साथ सिक्का मेला लगाने के लिए एडवाइजरी जारी की है। पंजाब नेशनल बैंक के एक करेंसी चेस्ट प्रबंधक ने कहा कि बैंकों के सिक्के जमा करने की एडवाइजरी हैं। हम पहले भी बैंक शाखाओं से सिक्के ले रहे।
यह भी पढ़ें: हरदोई में सामने आया ब्रांडेड कंपनी के नाम पर नकली शराब बनाने का खेल
चेस्ट भी सिक्कों के बोझ तले दबे: इसे सिक्का प्रबंधन की खामी ही कहेंगे कि इसके लिए कोई नीति नहीं है। कई बैंकों के करेंसी चेस्ट भी सिक्कों के बोझ तले दबे हैं। एसबीआइ के एक करेंसी चेस्ट में करीब डेढ़ करोड़ और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के करेंसी चेस्ट में करीब सवा करोड़ रुपये के सिक्के हैं। यहां सिक्के रखने की जगह नहीं है लेकिन, आरबीआइ ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया।
यह भी पढ़ें: अटल बिहारी वाजपेयी को बेहद पसंद हैं आगरा के समोसे, बेड़ई और गोलगप्पे