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Behmai Massacre: जब 26 लोगों को लाइन में खड़ा कर गोलियों से भून द‍िया गया, बेहमई कांड के 43 साल, जान‍िए कब क्‍या हुआ

Behmai Massacre Timeline बेहमई कांड में 43 साल बाद आखिर फैसला आ गया है। अपर जिला जज (डकैती) ने श्याम बाबू केवट को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई जबक‍ि दूसरे आरोपित विश्वनाथ को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया है। 43 साल पहले हुए इस जघन्‍य हत्‍याकांड में कब क्‍या हुआ और कोर्ट ने क्‍या फैसला द‍िया जानि‍ए...

By ankit tripathi Edited By: Vinay Saxena Updated: Thu, 15 Feb 2024 11:23 AM (IST)
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14 फरवरी 1981 हुआ था बेहमई कांड।
जागरण संवाददाता, कानपुर। Behmai Massacre Case: बेहमई कांड में 43 साल बाद आखिर फैसला आ गया है। अपर जिला जज (डकैती) ने श्याम बाबू केवट को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई, जबक‍ि दूसरे आरोपित विश्वनाथ को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया है। 43 साल पहले हुए इस जघन्‍य कांड में कब क्‍या हुआ, जान‍िए पूरी टाइमलाइन... 

14 फरवरी 1981:  बेहमई गांव में 26 लोगों को गांव के बाहर खड़ा कर गोलियों से भून दिया गया था, जिसमें 20 की जान चली गई थी।  

12 फरवरी 1983: दो वर्ष बाद मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह व 10 हजार लोगों की भीड़ के सामने फूलन, मान सिंह सहित 11-12 साथियों ने आत्मसमर्पण कर दिया था।

14 फरवरी 1993: जेल में रहने के बाद उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने फूलन पर लगे सभी मुकदमे वापस ले लिए और 1994 में फूलन को जेल से रिहा कर दिया गया।

1996 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर फूलन मीरजापुर से सांसद चुनी गई।

1998: फूलन चुनाव हार गई, लेकिन 1999 में दोबारा चुनाव जीतकर सांसद पहुंची।

25 जुलाई 2001: शेर सिंह राणा ने फूलन देवी की दिल्ली के अशोका रोड स्थित आवास के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी।

24 अगस्त 2012: बेहमई नरसंहार मामले में न्यायालय में पांच अभियुक्तों भीखा, पोसा, विश्वनाथ उर्फ पुतानी, श्यामबाबू व रामसिंह पर मुकदमा शुरु हुआ।

20 जुलाई 2013: कानपुर देहात की स्पेशल कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू हुई। - 2014 में अभियोजन की ओर से बेहमई नरसंहार मामले की गवाही समाप्त कर दी गई।

14 अगस्त 2014: दिल्ली की एक अदालत ने फूलन देवी की हत्या के आरोपित शेर सिंह राणा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

13 फरवरी 2019: बेहमई नरसंहार के आरोपित राम सिंह की जेल में मौत हो गई। 19 फरवीर 2020 : कोर्ट से केस डायरी के गायब होने का चला पता।

13 दिसंबर 2020 को मुकदमे के वादी राजाराम की मौत हो गई।

11 अप्रैल 2023: बेहमई मामले में जेल में बंद आरोपित पोसा की उपचार के दौरान मौत।

14 फरवरी 2024: एंटी डकैती कोर्ट ने अंतिम फैसला सुनाते हुए एक अभियुक्त श्यामबाबू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वहीं विश्वनाथ उर्फ पुतानी को दोष मुक्त किया गया।

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