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कन्नौज में बड़ा फर्जीवाड़ा, किसानों के लाखों रुपये हड़पकर बैंक कर्मी लापता, पीड़ितों ने दी चेतावनी

मंगलवार को नगला सदारी निवासी मालती समेत कई किसान आर्यावर्त ग्रामीण बैंक शाखा सिकंदरपुर पहुंचे। मालती ने बताया कि कोरोना संक्रमण के बीच उन्होंने खाते में 50 हजार रुपये जमा किए थे। रुपये निकालने के लिए आने पर टालमटोल की गई।

By Shaswat GuptaEdited By: Updated: Tue, 08 Jun 2021 09:10 PM (IST)
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पीड़ितों ने बैंक शाखा के बाहर धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
कन्नौज, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के बीच बैंक में रुपये जमा करने गए किसानों का लाखों रुपया हड़प कर बैंककर्मी लापता हो गया। खातों में रुपये नहीं पहुंचने पर हकीकत पता चली तो पीड़ितों ने बैंक शाखा के बाहर धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी है।

ये है पूरा मामला: मंगलवार को नगला सदारी निवासी मालती समेत कई किसान आर्यावर्त ग्रामीण बैंक शाखा सिकंदरपुर पहुंचे। मालती ने बताया कि कोरोना संक्रमण के बीच उन्होंने खाते में 50 हजार रुपये जमा किए थे। रुपये निकालने के लिए आने पर टालमटोल की गई। बैंक शाखा के बाहर से ही वापस कर दिया गया। कुछ समय बाद बैंक कर्मी ने खाते में रुपये नहीं होने की जानकारी दी। उनके पास जमा धनराशि की रसीद भी है। पता चला है कि खाते में रुपये जमा करने वाले कर्मचारी ने हेराफेरी की है। उनके जैसे ही ऋतुराज सिंह, कल्याण सिंह, रवि दुबे, सुनील बाथम, मोनू रावत व सुशीला देवी समेत कई अन्य किसान भी बैंक शाखा के चक्कर लगा रहे हैं। आरोप है कि संविदा कर्मी शैलेंद्र शर्मा ने कोरोना संक्रमण के बीच गेट पर लगे चैनल के पास से ही रुपयों का लेनदेन किया था। किसी के 44 हजार तो किसी के 50 हजार जमा कर रसीद दी गई थी। ये रसीद उन सभी के पास हैं। बैंक में लाखों रुपये का फर्जीवाड़ा हुआ है। ग्रामीणों ने मुकदमा दर्ज कराने को पुलिस को तहरीर देने के साथ शाखा प्रबंधक से भी लिखित शिकायत की है। शाखा प्रबंधक रोहित कुमार सिंह ने बताया कि करीब चार लाख रुपये की गड़बड़ी की शिकायत किसानों से मिली है। उच्चाधिकारियों को जानकारी देकर जांच कराई जा रही है। उधर, आरोपित बैंक कर्मी से संपर्क नहीं हो सका। 

आखिर किसने लगाई रसीद पर मुहर: ग्रामीणों के मुताबिक, उनके पास बैंक के नाम से छपी हुई रसीद है। उस पर हस्ताक्षर के साथ मुहर भी लगी है। हालांकि, बैंक कर्मी रसीद फर्जी बता रहे हैं, जबकि आरोपित बैंक कर्मी ने ही ये दी थीं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इन रसीदों पर मुहर कहां से लगी और हस्ताक्षर किसने किए। जांच में पूरा मामल सामने आएगा।  

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