Fraud In Farrukhabad: करोड़ों के गबन में सेल्स मैनेजर समेत सात पर मुकदमा, फर्जी ग्राहक दिखाकर अप्रूव कराया था लोन
एचडीवी फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी के कलेक्शन मैनेजर कानपुर के एच-1 ब्लाक किदवई नगर निवासी कलेक्शन मैनेजर सचिन मिश्रा ने अपनी तहरीर में फर्जी और कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर धोखाधड़ी व जालसाजी कर कंपनी को आर्थिक नुकसान पहुंचाने का आरोप कंपनी के ही कुछ कर्मचारियों पर लगाया है।
By Shaswat GuptaEdited By: Updated: Thu, 19 Aug 2021 08:40 PM (IST)
फर्रुखाबाद, जेएनएन। स्वराज ट्रैक्टर के एक डीलर का कोड तैयार कर फर्जी ग्राहकों के दस्तावेजों के आधार पर फाइनेंस कंपनी का 2.48 करोड़ रुपये उसी के कर्मचारियों ने लोन के नाम पर गबन कर लिया। कंपनी के कलेक्शन मैनेजर ने सेल्स मैनेजर समेत सात नामजद और कुछ अज्ञात के खिलाफ फर्रुखाबाद कोतवाली में मुकदमा कराया है। इनमें दो कर्मचारी कंपनी से निकाले जा चुके हैं।
एचडीवी फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी के कलेक्शन मैनेजर कानपुर के एच-1 ब्लाक, किदवई नगर निवासी कलेक्शन मैनेजर सचिन मिश्रा ने अपनी तहरीर में फर्जी और कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर धोखाधड़ी व जालसाजी कर कंपनी को आर्थिक नुकसान पहुंचाने का आरोप कंपनी के ही कुछ कर्मचारियों पर लगाया है। फतेहगढ़ कोतवाली के मोहल्ला जाफरी निवासी कर्मचारी शोभित सक्सेना, मेरापुर थानाक्षेत्र के बसंतपुर संकिसा निवासी अनुज कुमार, मैनपुरी जिले के बेवर थानाक्षेत्र के टोडरपुर निवासी सेल्स प्रबंधक प्रशांत दुबे, आगरा जिले के 1151 सेक्टर सात आवास विकास कालोनी, सिकंदरा जैन मंदिर के समीप रहने वाले हिमांशु, कानपुर के शिवा अपार्टमेंट, सर्वोदय नगर निवासी ऋषि भट्ट के अलावा धर्मेंद्र, रवि प्रताप व कुछ अज्ञात लोगों पर मुकदमा कराया है। सचिन मिश्रा ने बताया, आरोपितों ने कंपनी का 2.48 करोड़ रुपये का गबन किया। इन्होंने स्वराज ट्रैक्टर के डीलर शिवम आटोमोबाइल का कोड क्रिएट कर फर्जी ग्राहकों के दस्तावेज लगाकर लोन के नाम पर गबन किया। डीलर का एक्सिस बैंक का खाता ग्रामीण बैंक में परिवर्तित कराया गया। उसके बाद नवंबर 2020 में इसी खाते को ग्रामीण बैंक के ही दूसरे खाते में परिवर्तित कर दिया। मार्च 2021 में बैंक आफ बड़ौदा के खाता में परिवर्तित कर दिया। इन खातों में विभिन्न तिथियों पर ग्राहकों का लोन स्वीकृत करवाया गया। कुल 51 मामलों में 20 लोन अनुज, 10 लोन रवि प्रताप और 21 लोन प्रशांत ने बुक किए हैं। जांच में कुछ ग्राहकों ने बताया, लोन के बाबत दस्तावेज भी लिए गए, लेकिन आज तक लोन नहीं मिला है। वाहन वेबसाइट से देखने पर ज्ञात हुआ कि जिन वाहनों पर लोन स्वीकृत करवाया, उनमें से अधिकतर के स्वामी कोई और हैं। अधिकांश वाहन पर दूसरी ही फाइनेंस कंपनी का हाईपोथिकेशन (लोन का जिक्र) पड़ा है। कोतवाली प्रभारी वेदप्रकाश पांडेय ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
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