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Twitter पर आंदोलन के बाद CSJMU के पांच लाख छात्र-छात्राओं को राहत, अब नहीं होगी परीक्षा

कानपुर के विश्वविद्यालय की परीक्षाओं को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी थी और विवि प्रशासन ने कार्यक्रम भी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया था।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Tue, 30 Jun 2020 05:28 PM (IST)
Twitter पर आंदोलन के बाद CSJMU के पांच लाख छात्र-छात्राओं को राहत, अब नहीं होगी परीक्षा
कानपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के चलते छत्रपति शाहू जी महाराज विवि के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब विवि ने परीक्षाओं को न कराने का फैसला किया है। विवि के इस फैसले से करीब पांच लाख छात्रों को राहत मिली है। विवि की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि फिलहाल अब सीएसजेएमयू व संबद्ध डिग्री कॉलेजों की परीक्षाएं नहीं होंगी। वहीं आगे के फैसले पर प्रशासनिक अफसरों संग मंथन करेंगे। 

छात्रों ने छेड़ा था ट्वीटर पर आंदोलन

दरअसल, पिछले कई दिनों से विवि की परीक्षाएं होंगी या नहीं, इसे लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई थी। विवि प्रशासन ने कुछ दिनों पहले अंतिम वर्ष (स्नातक व परास्नातक) की परीक्षाएं 10 जुलाई से कराने को लेकर परीक्षा कार्यक्रम विवि की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया था। हालांकि उसी दिन विवि के हजारों छात्रों ने इस मुद्दे पर ट्वीटर पर आंदोलन छेड़ दिया, उनकी मांग थी कि परीक्षाएं न कराई जाएं।

वेबसाइट से हटाया परीक्षा कार्यक्रम

ट्वीटर पर छिड़ी रार के बाद विवि प्रशासन बैकफुट पर आया और अपलोड परीक्षा कार्यक्रम को वेबसाइट से हटा दिया। इसी बीच शासन ने परीक्षा संबंधी फैसले के लिए चार सदस्यीय समिति गठित कर दी। चौ. चरण सिंह विवि मेरठ के कुलपति प्रो. एनके तनेजा की अध्यक्षता वाली इस समिति में सीएसजेेएमयू की कुलपति प्रो. नीलिमा भी सदस्य थीं। सोमवार शाम को समिति ने अपनी रिपोर्ट शासन में जमा की। इसके बाद मुख्यमंत्री स्तर पर हुई बैठक में परीक्षा न कराने का फैसला किया गया। इसकी पुष्टि करते हुए विवि की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने बताया कि अब परीक्षाएं नहीं कराई जाएंगी।

25 फरवरी से शुरू हुई थीं वार्षिक परीक्षाएं

सीएसजेएमयू के कुलसचिव डॉ.अनिल यादव ने बताया कि विवि की वार्षिक परीक्षाएं 25 फरवरी से शुरू हुई थीं। 18 मार्च तक बीए के तमाम विषयों- ङ्क्षहदी, समाजशास्त्र, अंग्रेजी आदि की परीक्षाएं कराई गईं थीं। लॉकडाउन के चलते विवि को बंद कर दिया गया था। विवि प्रशासन ने मई व जून में परीक्षाओं को कराने का निर्णय तो लिया, हालांकि परिस्थितियों को देखते हुए यह फैसला हर बार टल गया।

जानिए, फैसले पर इनकी राय

  • छात्रहित में लिया गया यह फैसला स्वागतयोग्य है। हालांकि भविष्य में छात्रों को इंप्रूवमेंट परीक्षा देने का अवसर भी सरकार व विवि प्रशासन को देना चाहिए। -डॉ.बी.डी.पांडेय, अध्यक्ष, कानपुर यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (कूटा)
  • संगठन की यह मांग थी कि परीक्षाएं अभी कुछ समय के लिए टाल दी जाएं, लेकिन अब परीक्षाएं नहीं होंगी। इस फैसले से सभी को राहत मिलेगी। क्योंकि कोई अपनी जान जोखिम में नहीं डालना चाहता। -आशुतोष सिंह परिहार, अध्यक्ष विवि इकाई, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद
  • संगठन कई दिनों से यह मांग कर रहा था, कि परीक्षाएं न कराई जाएं। परीक्षाएं न कराने का फैसला संगठन की जीत है। अब सरकार छात्र-छात्राओं को अगली कक्षा में प्रोन्नत कर दे। -सिराज हुसैन, अध्यक्ष, समाजवादी छात्र सभा
  • परीक्षाएं न कराने से छात्र-छात्राओं का पूरा वर्ष व्यर्थ में चला जाएगा। अब सरकार से मांग है कि छात्र-छात्राओं को प्रोन्नत तो करें ही, साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए गाइडलाइंस बनाएं। -आयुष अग्रवाल, नेशनल कोआर्डिनेटर, एनएसयूआइ
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