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तीन साल पहले आज के ही दि‍न गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा था ब‍िकरू गांव, आठ पुल‍िसकर्मि‍यों की चली गई थी जान

2 जुलाई 2020 की रात ब‍िकरू गांव गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा था। पुल‍िस की टीम कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई थी। तभी पहले से घात लगाकर बैठे विकास दुबे और उसके गुर्गों ने हमला कर दिया था। इस हमले में तत्कालीन सीओ बिल्हौर देवेंद्र कुमार मिश्रा सीओ देवेंद्र कुमार मिश्रा सह‍ित आठ पुल‍िसकर्मि‍यों की जान चली गई थी।

By Vinay SaxenaEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Sun, 02 Jul 2023 04:25 PM (IST)
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दो जुलाई 2020 को हुआ था ब‍िकरू कांड।

कानपुर, ऑनलाइन डेस्‍क। दो जुलाई 2020, कानपुर के बिकरू गांव में कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने हमला कर दिया था। इस हमले में तत्कालीन सीओ बिल्हौर देवेंद्र कुमार मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मि‍यों की जान चली गई थी। बि‍करू की इस घटना ने पूरे देश का ध्‍यान अपनी खींचा था। तीन साल पहले की वो रात याद कर इलाके के लोग आज भी स‍िहर उठते हैं।

सीओ देवेंद्र कुमार सह‍ित आठ पुल‍िसकर्मि‍यों की हत्‍या

2 जुलाई 2020 की रात ब‍िकरू गांव गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा था। पुल‍िस की टीम कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को पकड़ने गई थी। तभी पहले से घात लगाकर बैठे विकास दुबे और उसके गुर्गों ने हमला कर दिया था। इस हमले में तत्कालीन सीओ बिल्हौर देवेंद्र कुमार मिश्रा, सीओ देवेंद्र कुमार मिश्रा, एसओ महेश कुमार यादव, दारोगा अनूप कुमार सिंह, दारोगा नेबूलाल, सिपाही जितेंद्र पाल, सिपाही सुलतान सिंह, सिपाही बबलू कुमार, सिपाही राहुल कुमार की जान चली गई थी।

व‍िकास दुबे समेत छह आरोपी अलग-अलग मुठभेड़ में ढेर

इस घटना के दूसरे दिन तक हुए घटनाक्रम में पुलिस ने तीन मुकदमे दर्ज किए थे। इसके बाद पुलिस ने विकास दुबे समेत छह आरोपितों को अलग-अलग मुठभेड़ में ढेर कर दिया। पुल‍िस ने पूरे गांव को छावनी में तब्‍दील करके विकास दुबे की कोठी पर बुलडोजर चलाकर जमींदोज कर द‍िया था। इसके बीच जय बाजपेयी द्वारा लावारिस तीन कारें खड़ी करने के मामले में तीन आरोपियों के खिलाफ दो मुकदमे दर्ज कि‍ए गए।

80 मुकदमे दर्ज

बता दें क‍ि एसआइटी की जांच के आधार पर 22 लोगों के खिलाफ विभिन्न थानों में फर्जी दस्‍तावेजों के आधार पर सिम कार्ड लेने के मामले मे मुकदमे दर्ज हुए थे। बिकरू कांड के डेढ़ साल बाद पुलिस ने गैंगस्‍टर विकास दुबे के हथियारों को बेचने के आरोप में आठ लोगों को गिरफ्तार किया। इस तरह से हत्या, मुठभेड़, आर्म्स एक्ट, फर्जी प्रपत्रों से सिम लेने आदि मामलों में कानपुर और यहां से बाहर 80 मुकदमे दर्ज किए गए।

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खुशी दुबे हो चुकी है र‍िहा   

मुख्य केस में 42 आरोपित चिह्नित हुए थे, जिसमें छह मुठभेड़ में मारे गए। बाकी बचे 36 जेल गए, जिसमें चार महिलाएं हैं। इनमें खुशी दुबे रिहा हो चुकी है, जबकि लल्लन त्रिवेदी के ड्राइवर सुशील तिवारी उर्फ सोनू को हाई कोर्ट से जमानत मिली, लेकिन उसके रिहा होने से पहले ही पुलिस ने उसके खिलाफ रासुका तामील कर दी थी।दूसरी ओर, विकास दुबे के हथियारों की खरीद के मामले में आरोपी मोहन अवस्थी और विकास दुबे को जमानत मिल चुकी है। काकादेव में जय बाजपेयी की कार प्रकरण में एक आरोपित राहुल सिंह भी जमानत पर बाहर है।बता दें, बिकरू कांड से जुड़े सभी मामलों में अदालत में ट्रायल चल रहा है।