Bikru Kand: बिकरू कांड की रहस्यमयी सदस्य को लेकर उलझी पुलिस, पहले बनाया सरकारी गवाह; अब बना दिया आरोपित
Bikru Kand बिकरू कांड की रहस्यमयी सदस्य मनु पांडेय को पुलिस ने आखिर आरोपित बना दिया है। मनु बिकरू कांड के बाद मुठभेड़ में मारे गए विकास दुबे के मामा प्रेम प्रकाश पांडेय के बेटे शशिकांत पांडेय की पत्नी है जिसे पुलिस ने पहले सरकारी गवाह बनाया था। पुलिस ने यह कार्रवाई गुपचुप तरीके से करीब एक साल पहले की थी।
जागरण संवाददाता, कानपुर। बिकरू कांड की रहस्यमयी सदस्य मनु पांडेय को पुलिस ने आखिर आरोपित बना दिया है। मनु बिकरू कांड के बाद मुठभेड़ में मारे गए विकास दुबे के मामा प्रेम प्रकाश पांडेय के बेटे शशिकांत पांडेय की पत्नी है, जिसे पुलिस ने पहले सरकारी गवाह बनाया था।
पुलिस ने यह कार्रवाई गुपचुप तरीके से करीब एक साल पहले की थी। कानपुर देहात की माती कोर्ट से कुर्की का आदेश जारी होने के बाद यह कार्रवाई सार्वजनिक हुई। पुलिस का दावा है कि आरोपित बनाए जाने के बाद से मनु पांडेय फरार है। उसने गैर जमानती वारंट के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका की थी, मगर वह भी खारिज हो गई।
आठ पुलिसकर्मियों की हुई थी मौत
चौबेपुर के बिकरू गांव में दो जुलाई 2020 को दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे गिरोह ने फायरिंग कर दी थी। घटना में आठ पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। मामले में पुलिस ने चार दर्जन से ज्यादा लोगों को आरोपित बनाया था, जिसकी सुनवाई एंटी डकैती, गिरोहस्टर, किशोर न्याय बोर्ड के साथ ही अन्य कोर्ट में चल रही है।पुलिस ने मुख्य आरोपित विकास दुबे के मामा प्रेम पांडेय की बहू मनु पांडेय को आरोपित बनाया है। असल में बिकरू कांड के बाद जो आडियो क्लिप प्रचलित हुई थीं, उसमें सर्वाधिक संख्या मनु पांडेय की बातचीत वाली थीं।
कॉल रिकॉर्डिंग के आधार पर पुलिस ने बनाया आरोपित
मनु पांडेय पर आरोप था कि उसने विकास दुबे गिरोह को फोन करके पुलिस की लोकेशन के बारे में जानकारी दी थी। उस वक्त भी सवाल उठा था कि आखिर पुलिस ने मनु पांडेय को आरोपित क्यों नहीं बनाया। पुलिस के सूत्रों के अनुसार अब कॉल रिकॉर्डिंग के आधार पर ही मनु को आरोपित बनाया है।गोपनीय तरीके से की कार्रवाई में पुलिस ने 17 जुलाई 2023 को एंटी डकैती कोर्ट से मनु के खिलाफ गैर जमानती वारंट हासिल किया था। इसके बाद 14 सितंबर 2023 को पुलिस ने नोटिस को मुनादी कराते हुए आरोपित के दरवाजे पर चस्पा की। इसकी जानकारी होने पर बचाव पक्ष ने आरोपित की ओर से हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की थी लेकिन कोर्ट ने इसे सुनवाई योग्य न मानते हुए 24 जनवरी 2024 को खारिज कर दिया।
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