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UP ByPolls: उपचुनाव में संगठन बनाम सहानुभूति का ‘चक्रव्यूह’, इस खास रणनीति से माहौल बना रहीं सपा प्रत्याशी

सीसामऊ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा और सपा के बीच संगठन बनाम सहानुभूति का द्वंद देखने को मिल रहा है। भाजपा ने सुरेश अवस्थी को मैदान में उतारा है जबकि सपा से नसीम सोलंकी चुनाव लड़ रही हैं। बसपा ने वीरेंद्र कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने कई मंत्रियों को चुनाव प्रचार की कमान सौंपी है जबकि सपा में शिवपाल यादव समेत कई दिग्गज प्रचार कर रहे हैं।

By shiva awasthi Edited By: Abhishek Pandey Updated: Tue, 12 Nov 2024 10:18 AM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल किया गया ग्राफिक
शिवा अवस्थी, कानपुर। सीसामऊ विधानसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में अब सियासी रंग गाढ़ा हो चला है। प्रमुख प्रतिद्वंद्वी भाजपा, सपा व बसपा अपने-अपने ढंग से सियासी तीर व शब्दबाण छोड़ रहे हैं। क्षेत्रीय हालात पर पैनी निगाह है। मुहल्ले-मुहल्ले से लेकर गली-गली, चौक-चौराहों तक चुनावी लड़ाई दिख रही है।

भाजपा व सपा के बीच संगठन बनाम सहानुभूति का द्वंद्व है। बसपा पुराने अंदाज में कैडर वोटों की सेंधमारी में जुटी है। भाजपा का संगठनात्मक चक्रव्यूह ऐसा कि मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद-विधायक से पन्ना प्रमुख तक चुनावी रणनीति के हिस्सा हैं। दो बार पार्टी प्रत्याशी के हारने के बाद उपचुनाव अबकी बार...लगा दो पार...का नारा बुलंद है।

मैदान में कई दिग्गज नेता

सपा के लिए भी राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, शिवपाल यादव से लेकर संगठन के युवा-अनुभवी नेता उतरे हैं, जबकि सहानुभूति बटोरने के लिए हर चुनावी जनसभा, प्रचार में चौखट-चौखट प्रत्याशी रोकर माहौल बना रही हैं।

सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने सुरेश अवस्थी को चुनाव मैदान में उतारा है। सपा से नसीम सोलंकी उतरी हैं, जिनके पति पूर्व विधायक इरफान सोलंकी वर्तमान में जेल में हैं। बसपा ने वीरेंद्र कुमार को उतारा है। भाजपा के सुरेश दो बार पहले भी विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। छात्र राजनीति से सियासत में सक्रिय सुरेश के लिए इस बार भाजपा ने तगड़ा सियासी 'चक्रव्यूह' रचा है, जिसमें विपक्षियों को फंसाने की जुगत है।

भाजपा ने कई मंत्रियों को सौंपी कमान

अब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी से लेकर कई मंत्री, प्रदेश भर के जिलों से सांसद, विधायक, विधान परिषद सदस्य मैदान में हैं और नुक्कड़-चौराहों पर डटे हैं। विधानसभा क्षेत्र के प्रभारी, शक्ति केंद्र, बूथ व पन्ना प्रमुख तक उतरे हुए हैं। उन्हें प्रचार से मतदान तक की जिम्मेदारी बांटी गई है। भाजपाई सपा शासनकाल की खामियां गिनाकर पूर्व विधायक इरफान के बहाने सीधे हमलावर हैं। इसी तरह सपा में शिवपाल यादव, सुनील साजन, प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल मैदान में दम दिखाने आ चुके हैं।

सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी चुनाव प्रचार के साथ ही हर नेता की जनसभा में रोई हैं। नामांकन से पहले भी उनके आंसू छलक पड़े थे। इसके माध्यम से वो जनता को ये बताने के प्रयास में जुटी हैं कि उनके साथ ज्यादती हुई है। सपाइयों की रणनीति भी वार्ड से बूथ तक है। भाजपा के संगठन व सपा के सहानुभूति के सियासी तीरों के निहितार्थ निकालने में राजनीतिक विश्लेषक जुटे हैं।

 कानपुर-बुंदेलखंड भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष, प्रकाश पाल ने कहा- 'सपा व उनके प्रत्याशी का सच जनता को पता है। आंसुओं का कोई फर्क नहीं पड़ेगा। ये आंसू केवल नाटक हैं। अगर वाकई ऐसा होता तो गरीबों के लिए भी उनके आंसू निकलते। गरीबों की जमीन हड़पने का काम उनके पति नहीं करते। भाजपा संगठन और हर वर्ग की पार्टी है।'

कैंट सपा विधायक, मो. हसन रूमी ने कहा-  सपा व प्रत्याशी नसीम के प्रति लोगों में सहानुभूति है। भाजपा दमन का काम कर रही है। जनता भी इसे समझ चुकी है। पीडीए का फार्मूला काम कर रहा है। शासन-प्रशासन के निष्पक्ष चुनाव कराने पर परिणाम देखने लायक होंगे। सपा का संगठन भी लगा है।

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