सियाचिन जैसे बर्फीले क्षेत्र में सेना को नहीं लगेगी ठंड, कानपुर आर्डनेंस की बुखारी देगी गर्मी Kanpur News
आर्डनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्री ने नई ब्लोवर बुखारी परीक्षण के लिए डीआरडीओ भेजी है।
By AbhishekEdited By: Updated: Sat, 14 Sep 2019 09:47 AM (IST)
कानपुर, [श्रीनारायण मिश्र]। सियाचिन, द्रास और कारगिल जैसे दुर्गम और बर्फीले क्षेत्रों में भी सेना के जवान चैन की नींद सो सकेंगे। इसके लिए आर्डनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्री (ओईएफ) कानपुर ने नई ब्लोवर बुखारी तैयार की है। इससे उन्हें टेंट के भीतर सर्दी से राहत मिल सकेगी। बुखारी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान (डीआरडीओ) के पास परीक्षण के लिए भेजी गई है।
डीआरडीओ द्वारा ही विकसित की गई यह बुखारी सेना में पहले से इस्तेमाल की जानी वाली बुखारियों के मुकाबले काफी बेहतर है। यह बेहद सुरक्षित और लाने-ले जाने में आसान है। सेना के टेंट या भवन में इस्तेमाल की जाने वाली इस बुखारी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें बाहरी हवा का प्रवेश संभव नहीं है। ऐसे में बर्फीले तूफान के दौरान भी इस बुखारी के बर्नर जलते रहेंगे और गर्म हवा चलती रहेगी। इससे किसीनुकसानदेह गैस का उत्सर्जन भी भीतर नहीं होता है। जो जवानों की सेहत के लिहाज से काफी अच्छा रहता है। ओईएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नई बुखारी का डिजाइन और वजन ऐसा है, जिससे सेना की टुकडिय़ों को इसे लेकर चलने में कोई परेशानी न हो। अभी इसका सैंपल परीक्षण के लिए डीआरडीओ भेजा गया है। वहां से सुधार का कोई सुझाव होगा तो उस पर अमल किया जाएगा। इसके बाद आवश्यकतानुसार सेना को उपलब्ध कराया जाएगा।
नई ब्लोवर बुखारी की खूबियां
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।- महज 23 किलो वजन के कारण ले जाने में आसान।
- पीली लौ निकलती है जिससे धुआं पैदा नहीं होता।
- बुखारी का बाहरी कक्ष गैसों की निकासी बाहर करता है।
- नुकसानदेह गैसों का उत्सर्जन नहीं करती ये बुखारी।
- गरम हवा पूरे कमरे में आसानी से फैलती है।
- बाहर की हवा भीतर प्रवेश नहीं कर सकती, इसलिए बर्नर नहीं बुझते।
- तीन बर्नर वाली इस बुखारी में खाना और चाय भी बना सकते हैं।