GST नोटिस पाने वाले कारोबारी ध्यान दें, इस स्कीम के जरिए बचा सकते हैं ब्याज व जुर्माना; पढ़ें पूरा प्रोसेस
GST Amnesty Scheme कारोबारी अब जीएसटी विभाग की इस योजना का लाभ उठाकर ब्याज और जुर्माने से बचत कर सकते हैं। यह योजना उन कारोबारियों के लिए है जिन पर धोखाधड़ी के आरोप नहीं हैं। इस योजना में शामिल होने के लिए आपको अपना टैक्स चुकाना होगा। विवादों की संख्या कम करने के लिए जीएसटी ने यह योजना लागू की है।
जागरण संवाददाता, कानपुर। अगर आपके ऊपर जीएसटी के अधिकारियों ने धोखाधड़ी के आरोप नहीं लगाए हैं और आपके पास जीएसटी के पहले तीन वित्तीय वर्ष को लेकर नोटिस आई है तो आप विभाग की एमनेस्टी स्कीम में 31 मार्च 2025 तक शामिल होकर ब्याज व जुर्माना को बचा सकते हैं। हालांकि इसके लिए आपको अपना टैक्स चुकाना होगा।
विवादों की संख्या कम करने के लिए लागू की गई योजना
विवादों की संख्या कम से कम करने के लिए जीएसटी ने योजना लागू की है। इस योजना में वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में अगर उद्यमियों व कारोबारियों के पास धारा 73 के नोटिस आए हैं और उनमें टैक्स के साथ ब्याज व जुर्माना चुकाने के लिए भी कहा गया है तब आप इस योजना में शामिल हो सकते हैं।
यह योजना सिर्फ उनके लिए है जिनके ऊपर धोखाधड़ी करके टैक्स चोरी करने का आरोप नहीं है। अगर जीएसटी ने धोखाधड़ी करके कर अपवंचना का आरोप लगाया है तो आप इस योजना में शामिल नहीं हो सकेंगे।
मर्चेंट्स चैंबर आफ उत्तर प्रदेश की जीएसटी कमेटी के सलाहकार सीए धर्मेन्द्र श्रीवास्तव के मुताबिक इसमें सिर्फ टैक्स को चुकाना होगा।
सिर्फ टैक्स चुका कर विवादों से मिल जाएगी राहत
इस योजना से विवादों की संख्या में भी कमी आएगी क्योंकि अगर आपका मामला अपील में चल रहा है तो अपील में यह लिखकर देना होगा कि आप इस योजना में शामिल होना चाहते हैं तो अपील खत्म हो जाएगी और एमनेस्टी योजना के तहत कारोबारी को सिर्फ टैक्स चुका कर विवादों से राहत मिल जाएगी।इसके साथ ही अगर किसी मामले में कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है, उसमें भी इस योजना के तहत लाभ हासिल किया जा सकता है।यह भी पढ़ें- नवरात्र और दीपावली से पहले खरीदारी में तेजी, अगस्त माह में GST कलेक्शन में 52 करोड़ रुपये की बढ़त
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