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आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के अधिवेशन में 11 प्रस्ताव पारित, CAA-NRC को रद करने की मांग

बोर्ड ने कहा कि सरकार या किसी मुतवल्ली के लिए वक्फ संपत्ति का निपटान करना या कुछ अदालतों को वक्फ भूमि बेचने की अनुमति देना इस्लामिक शरिया और वक्फ कानून के खिलाफ है। यह मुसलमान के धार्मिक अधिकारों और शरिया कानून में हस्तक्षेप है।

By Shaswat GuptaEdited By: Updated: Sun, 21 Nov 2021 06:44 PM (IST)
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नागरिकता कानून की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जागरण संवाददाता। आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के दो दिवसीय अधिवेशन के अंतिम दिन 11 प्रस्ताव पारित किए गए। बोर्ड के सदस्यों ने हाल के दिनों में असामाजिक तत्वों ने इस्लाम पैगंबर की प्रतिष्ठा का खुलेआम अपमान किए जाने के मुद्दे पर सरकार की ओर से कोई कार्रवाई न किए जाने पर रोष जताया। सरकार से मांग की है ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। बोर्ड सदस्यों ने सरकार से मांग की है कि वो समान नागरिक संहिता को मुसलमानों पर प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष रूप या आंशिक रूप से हो अपने का प्रयास ना करें। ये कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा। बोर्ड ने कहा कि सरकार या किसी मुतवल्ली के लिए वक्फ संपत्ति का निपटान करना या कुछ अदालतों को वक्फ भूमि बेचने की अनुमति देना इस्लामिक शरिया और वक्फ कानून के खिलाफ है। यह मुसलमान के धार्मिक अधिकारों और शरिया कानून में हस्तक्षेप है और मुसलमान इसे कतई स्वीकार नहीं करेंगे। बोर्ड ने महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचार को रोकने और महिला सुरक्षा के प्रभावी कानून बनाने की मांग की। मुस्लिमो की प्रतिनिधि सभा ने अल्पसंख्यकों, दलितों, कमजोर वर्गों को मजबूती दिए जाने पर जोर दिया। बोर्ड ने मुस्लिम समाज से अपील की है कि वो शरीयत का पालन करें और दहेज न मांगें, फिजूलखर्ची से बचें, आपसी विवादों को  मध्यस्थता के माध्यम से सुलझाएं। अगर फिर भी बात न बने तो दारुल कजा में जाएं। अंतर धार्मिक विवाह से बचें।

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