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वर्दी वालों से पंगा लेना महंगा पड़ा, अब भेजा गया जेल; IPS के पेशकार को रिश्वत लेते रंगेहाथ कराया था गिरफ्तार

कानपुर में एक दिव्यांग व्यक्ति और उसके परिवार पर हत्या के प्रयास समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई उस घटना के बाद की गई है जब दिव्यांग ने तत्कालीन एसीपी बाबूपुरवा के पेशकार को विजिलेंस की टीम से रिश्वत लेते हुए पकड़वाया था। दिव्यांग का आरोप है कि पुलिस ने उनके मुकदमे की प्रतिवादी से मिलकर यह कार्रवाई की है।

By ankur Shrivastava Edited By: Abhishek Pandey Updated: Wed, 25 Sep 2024 07:46 AM (IST)
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एसीपी के पेशकार को रिश्वत लेते पकड़वाने वाले दिव्यांग पर हत्या के प्रयास का मुकदमा

जागरण संवाददाता, कानपुर। तत्कालीन एसीपी बाबूपुरवा के पेशकार को विजिलेंस की टीम से रिश्वत लेते पकड़वाने वाले दिव्यांग और उसके परिवार पर अब हत्या के प्रयास समेत धारा में मुकदमा दर्ज हुआ है। दिव्यांग का आरोप है कि पेशकार को पकड़वाने पर पुलिस ने उनके मुकदमे की प्रतिवादी से मिलकर ये कार्रवाई की है। अब वह पुलिस अधिकारी से गुहार लगा रहा है।

जूही लाल कालोनी निवासी 32 वर्षीय ई-रिक्शा चालक रिंकू पासवान बाएं पैर से दिव्यांग हैं। उसने पूर्व में घर के सामने रहने वाले मोना, उसके भाई राजा समेत परिवार के लोगों और पड़ोसी आकाश के खिलाफ मारपीट समेत धाराओं में किदवई नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।

20 हजार की रिश्वत लेते विजिलेंस ने पकड़ा

उसके मुताबिक, वह मामले में चार्जशीट लगने की जानकारी करने एसीपी बाबूपुरवा कार्यालय गए, तो एसीपी के पेशकार शहनवाज खान और सिपाही योगेश कुमार ने 20 हजार रुपये रिश्वत मांगी। 15 हजार रुपये में चार्जशीट लगाने में बात तय कर ली थी। रिंकू ने शहनवाज को विजिलेंस टीम से नौ सितंबर की शाम रंगेहाथ रिश्वत लेते पकड़वा दिया।

स्वजन का आरोप है कि तभी से एसीपी कार्यालय के पुलिसकर्मी उनसे खुन्नस रखने लगे। 22 सितंबर की रात आरोपित पक्ष के राजा की पत्नी रूबी कश्यप ने झगड़ा करने के बाद उनके और स्वजन पर हत्या के प्रयास समेत धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया। वहीं, रूबी का आरोप है कि रिंकू, परिवार की आशा, रामजानकी, बबलू उर्फ महेश, राजेश, प्रिंस ने उनके देवर पर ईंटों से सिर पर वार कर जान से मारने का प्रयास किया था।

डीसीपी दक्षिण अंकिता शर्मा ने बताया- दोनों पक्षों के बीच विवाद चल रहा है। पूर्व में एक पक्ष ने मुकदमा दर्ज कराया था, अब दूसरे पक्ष ने मुकदमा कराया है। इस मामले में पेशकार की गिरफ्तारी के बदले कार्रवाई जैसी कोई बात नहीं है। मुकदमों की जांच चल रही है।

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