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तेंदुआ की चालाकी से वनकर्मी भी दंग ; जाल को पास से देखकर गुजरा और हाईमास्ट लाइटें लगाने पर अंधेरा रास्ता चुना

कानपुर में आइआइटी परिसर में हवाई पट्टी के पास देखा गया तेंदुआ दो दिन बाद जीटी रोड क्रास करके एनएसआई में पहुंच गया था। यहां से फिर वापस वो पेम गांव में पहुंच गया है। उसे पकड़ने के लिए वन विभाग सभी जतन नाकाम साबित हो रहे हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Tue, 01 Nov 2022 11:47 AM (IST)
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कानपुर में आइआइटी के एनएसआई और अब पेम गांव में पहुंचा तेंदुआ।
कानपुर, जागरण संवाददाता। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT Kanpur), राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (NSI Kanpur) व आसपास के गांवों में तेंदुआ (Leopard) की दहशत छठवें दिन भी जारी रही। डर के चलते लोग घरों में कैद हैं और तेंदुआ वन विभाग की टीम के साथ लुकाछिपी खेल रहा है। अत्याधुनिक ट्रैंकुलाइजर गन से लैस वनकर्मी उसे पकड़ नहीं पा रहे हैं। तेंदुआ बेहद चालाक है क्योंकि वह जाल के पास से देखकर निकल गया और हाईमास्ट लाइटों से बचकर वह अंधेरा रास्ता चुनता है। 

पहली बार आईआईटी हवाई पट्टी में दिखा तेंदुआ

आईआईटी में 26 अक्टूबर की भोर हवाई पट्टी के पास निजी सुरक्षा एजेंसी एसआईएस के एक गार्ड ने तेंदुआ देखने की जानकारी कंट्रोल रूम पर दी। इसके बाद वन विभाग और संस्थान की सुरक्षा कर्मियों की टीमों ने तेंदुआ की तलाश करना शुरू कर दिया था। दो दिन तक ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों को खंगालने के बाद भी कुछ पता नहीं चला था। दूसरे दिन स्कूलों की छुट्टी कर दी गई थी और छात्रों को हास्टल के अंदर रहने और प्रोफेसर व शिक्षकों को भी आवास एवं डिपार्टमेंट भवन में रहने को कहा गया था।

घरों में कैद लोग और आजाद घूम रहा तेंदुआ

आईआईटी से जीटी रोड पार करके तेंदुआ राष्ट्रीय शर्करा संस्थान एनएसआई पहुंच गया था। रविवार की रात पौने नौ बजे वह एनएसआइ में पेड़ पर लगे इंफ्रारेड ट्रैपिंग कैमरे में नजर आया। इसके बाद रात साढ़े 10:30 से ढाई बजे के बीच आइआइटी में तीन जगहों पर दिखा। सोमवार को उसे पेम गांव में देखने का दावा किया गया है। इससे लोगों में दहशत का माहौल बना है और घरों में कैद होने को मजबूर हैं।

दिन में घूमता है और रात में आईआईटी में छिपता

सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि तेंदुआ आइआइटी में टाइप छह आवासों के पीछे स्थित जंगल में है और हर शाम वहीं से निकलकर कभी एनएसआइ तो कभी आसपास के गांवों में घूमता है, इसके बाद देर रात लौट आता है। जंगल काफी घना होने के कारण उसकी सही लोकेशन नहीं मिल पा रही है। रविवार रात वह एनएसआइ में बालिका छात्रावास व अधिकारियों के आवास के पीछे से होते हुए शुगर फैक्ट्री तक पहुंचा। वहां पेड़ पर लगे कैमरे में वह नजर आया। इसके बाद पेम गांव पहुंचा और रात में लौटकर फिर आइआइटी पहुंच गया। यहां टाइप छह आवासों के पीछे नानकारी जाने वाली सड़क पर, गैस गोदाम के पास और पुराने पंप हाउस के पास देखा गया।

बेहद चतुर और चपल है तेंदुआ

तेंदुआ इतना चालाक है कि सड़क पर रोशनी के सामने से नहीं, बल्कि अंधेरे से निकलता है। डीएफओ श्रद्धा यादव ने बताया कि तेंदुए को पकड़ने के लिए जंगल में कई और स्थानों पर जाल बिछाए गए हैं, लेकिन तेंदुआ जाल के बगल से निकल गया। यही नहीं वह चपल भी बहुत ज्यादा है। सड़क पार करते समय उसकी रफ्तार इतनी तेज थी कि गन से निशाना नहीं लगाया जा सका। अब तक वह किसी पिंजरे के पास भी नहीं फटका है।

स्कूल खुले, लेकिन आधे दिन के बाद हो गई छुट्टी

आइआइटी परिसर में आम दिनों की तरह सोमवार को केंद्रीय विद्यालय समेत सभी स्कूल खुले और पढ़ाई हुई, लेकिन माह का अंतिम दिन होने के कारण लंच के बाद छुट्टी कर दी गई। इस दौरान बच्चों को फिर से अलर्ट किया गया और जंगल या पार्क की ओर जाने से मना किया गया।

एनएसआइ प्रशासन ने भी जारी की एडवाइजरी

एनएसआइ में दिवाली की छुट्टी के बाद सोमवार सुबह से कक्षाएं शुरू हो गईं। सभी विद्यार्थियों व कर्मचारियों के लिए एडवाइजरी भी जारी की गई है। इसके तहत विद्यार्थी सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक हास्टलों से निकलेंगे। झुंड में चलेंगे और जरूरी कार्य पड़ने पर ही बाहर जाएंगे। कर्मचारियों को कार्यालय सुबह साढ़े नौ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक खोलने के लिए कहा गया।

आइआइटी में सूने पड़े पार्क, बच्चों के खेलकूद बंद

तेंदुए के कारण छह दिन से आइआइटी में बच्चों के खेलकूद बंद हो गए हैं। हाल ये है कि आवासों के बाहर स्थित पार्कों में अभिभावक बच्चों को खेलने नहीं दे रहे हैं। स्कूलों तक खुद छोड़ने व लेने जाते हैं। वैन चालकों को निर्देश हैं कि बच्चों को घर के पास भी अकेले न छोड़ें। एक सहायक प्रोफेसर की पत्नी ने बताया कि सभी लोग बच्चों की सुरक्षा को लेकर फिक्रमंद हैं।

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