कानपुर में हवा-हवाई साबित हुआ सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने का अभियान, कागजों में हो गया पैचवर्क
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद कानपुर में 30 नवंबर तक सड़कों को गड्डा मुक्त करने का दावा किया गया था। लेकिन अभी तक कई सड़कों को गड्ढामुक्त नहीं किया जा सका है और खराब पैचवर्क से भी वाहन सवार हादसे का शिकार हो रहे हैं।
By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Mon, 30 Nov 2020 01:57 PM (IST)
कानपुर, जेएनएन। शहर को गड्ढा मुक्त अभियान कागज में ही सिमट कर रह गया। 30 नवंबर तक सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का अभियान केवल दिखावा बनकर रह गया। अभी भी शहर में सड़कों में खतरनाक गड्ढे है, जिसमें गिरकर वाहन सवार हादसे का शिकार हो रहे हैं। सड़कों को गड्ढामुक्त करने के लिए किया गया पैचवर्क भी बेतरतीब ढंग से करने से वाहन चालक का गिरना तय है। अब तक कई लोग गिरकर घायल हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री योगी अादित्य नाथ ने शहर की सड़कों को गड्ढामुक्त करने के अादेश अफसरों को दिए थे। इससे लिए 30 नवंबर तक का समय दिया गया। मुख्यमंत्री का फरमान अाने पर तेजी से सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का अभियान चलाया गया। कई सड़कों को गड्ढा मुक्त किया गया। दीपावली के बाद अफसरों के साथ ही ठेकेदार भी ढीले पउ़ गए।नगर निगम ने नौ करोड़ रुपये से 127 स़ड़कों को गड्ढा मुक्त करने लक्ष्य तय किया था। अभी तमाम सड़कों में गड्ढ़े है। लेनिन पार्क पीरोड से भदौरिया चौराहा, दर्शन पुरवा में तमाम गलियां, कौशलपुरी, प्रेमनगर, रामबाग, फजलगंज, गड़रियनपुरवा, हर्ष नगर, 80 फीट रोड समेत कई सड़कों में गड्ढे है। इसके अलावा जहां पर पैचवर्क किया है वहां की सड़कें खतरनाक हो गई है। मोतीझील में पैचवर्क के नाम पर तारकोल थोप दिया गया है। पैचवर्क एक तरफ कर दिया तो दूसरी तरफ सड़क नीचे होने से वाहन चालकों के लिए खतरा हो गया है। महापौर प्रमिला पांडेय ने बताया कि जिन सड़कों पर पैचवर्क नहीं हुआ है, उन्हें तत्काल गड्ढा मुक्त कराया जाएगा, कार्य में लापरवाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
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