सीएम योगी आदित्यनाथ का एक्शन, जालौन में तिहरे हत्याकांड में दोषी सीओ बर्खास्त
कानपुर कोर्ट से दोषी ठहराए गए भगवान सिंह पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की कार्रवाई। वर्ष 2004 में कोंच कोतवाली में सपा नेता समेत तीन लोगों की गोली मारकर की गई थी हत्या। कोर्ट ने आठ नवंबर 2019 को तत्कालीन उपनिरीक्षक भगवान सिंह को सजा सुनाई थी।
By Divyansh RastogiEdited By: Updated: Sun, 20 Dec 2020 11:26 AM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। जालौन में ट्रिपल मर्डर में दोषी पाए गए एक पीपीएस अधिकारी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सेवा से बर्खास्त करने का आदेश दिया है। सीओ भगवान सिंह को कोर्ट ने जालौन में ट्रिपल मर्डर का दोषी माना था। जालौन के कोंच कोतवाली क्षेत्र में करीब 16 वर्ष पहले 2004 में समाजवादी पार्टी के नेता सहित तीन लोगों की गोली मारकर हत्या की गई थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जालौन में हुए तिहरे हत्याकांड में दोषी पाए गए पुलिस उपाधीक्षक भगवान सिंह को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। वर्ष 2004 में कोंच कोतवाली में तीन लोगों की गोली मारकर हत्या के मामले में कोर्ट ने आठ नवंबर 2019 को तत्कालीन उपनिरीक्षक भगवान सिंह व अन्य पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास व 50-50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। इसके बाद भी भगवान सिंह को इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिल गई थी। वह बीते दिनों निरीक्षक से पदोन्नति पाकर पुलिस उपाधीक्षक बन गए थे और उन्हें कानपुर नगर में तैनाती दी गई थी। सीएम की इस कार्रवाई के बाद घटना में मारे गए सुरेंद्र निरंजन, महेंद्र निरंजन और दयाशंकर झा के स्वजन ने संतोष जाहिर किया है। जिस वक्त फैसला आया उस समय भगवान सिंह कानपुर नगर में पुलिस उपाधीक्षक के पद पर तैनात थे। सजा के ऐलान के बाद अगले दिन उन्हें निलंबित कर दिया गया था। अब शासन ने उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया है।
एक फरवरी 2004 को कोंच कोतवाली में तैनात रहे कोतवाल देवदत्त सिंह राठौर (वर्तमान में दिवंगत) ने कोतवाली परिसर में बहस होने पर सर्विस रिवाल्वर से कोंच निवासी सपा नेता सुरेंद्र निरंजन और उनके भाई रोडवेज यूनियन नेता महेंद्र निरंजन और दोस्त दयाशंकर झा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। सपा नेता हिरासत में लिए गए कुछ लोगों को छुड़ाने गए थे। घटना से प्रदेश में हलचल मच गई थी।
पुलिस के खिलाफ उग्र प्रदर्शन भी हुए थे। देवदत्त सिंह राठौर, उसके पुत्र अनिल राठौर के साथ उपनिरीक्षक भगवान सिंह व उपनिरीक्षक लालमणि गौतम समेत आठ पुलिस कर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज कराया गया था। इसके बाद में हार्ट अटैक से देवदत्त सिंह राठौर की जेल में ही मौत हो गई थी। उप निरीक्षक भगवान सिंह राठौर, लालमणि गौतम समेत अन्य पुलिस कर्मियों को भी जेल जाना पड़ा था। मुकदमे के ट्रायल के दौरान आरोपित जमानत पर रिहा हो गए और नौकरी करने लगे। 15 वर्ष के दौरान उप निरीक्षक भगवान सिंह को दो बार प्रोन्नति भी मिली। पहले आउट आफ टर्न निरीक्षक पद पर प्रोन्नत हुए। इसके बाद में डिप्टी एसपी बन गए। बीते वर्ष एडीजे अमित पाल सिंह ने मुकदमे का फैसला सुनाया। सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों को दोषी करार देकर उम्रकैद और अर्थदंड की सजा सुनाई। सीओ भगवान सिंह को बाद में हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी।
न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे कोंच कोतवाली के गोलीकांड में पिता दयाशंकर को खो चुके बेटे ऋषि झा का कहना है, सरकार ने भगवान सिंह को बर्खास्त करके सही कदम उठाया है। अन्य पुलिस कर्मियों ने अपनी जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी डाली है। वो इसके विरोध में सुप्रीम कोर्ट तक पैरवी करेंगे।
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