Move to Jagran APP

अभिभावक व शिक्षकों में संवाद से बच्चों की कमियां दूर करने में मिलेगी मदद, कम्प्यूटर विज्ञान विशेषज्ञ ने दी राय

आज के परिवेश में अर्थात कोविड के बाद जब सभी विद्यालय प्रारम्भ हो चुके हैं। ऐसे में स्क्रीन टाइम में अनुशासनहीनता शिक्षकों व विद्यार्थियों के लिए एक बड़ी चुनौती है। ऐसे समय में विद्यालय को अभिभावक के साथ निरन्तर संवाद स्थापित करते हुए विद्यार्थी के कार्यों की समीक्षा करनी चाहिए।

By Nitesh MishraEdited By: Updated: Wed, 07 Sep 2022 10:30 PM (IST)
Hero Image
कानपुर में बच्चों की कमियां दूर करने में अब मिलेगी मदद।
कानपुर, जागरण संवाददाता। आज के परिवेश में अर्थात कोविड के बाद जब सभी विद्यालय सुचारू रूप से प्रारम्भ हो चुके हैं तो ऐसे में स्क्रीन टाइम में अनुशासनहीनता शिक्षकों व विद्यार्थियों के लिए एक बड़ी चुनौती है। ऐसे समय में विद्यालय को अभिभावक के साथ निरन्तर संवाद स्थापित करते हुए विद्यार्थी के कार्यों की समीक्षा जरूर करनी चाहिए।

विद्यालय की यह नैतिक जिम्मेदारी भी बनती है कि वे परामर्श सत्र प्रारम्भ करें, जिसमें बच्चों के साथ वर्तमान समस्याओं को लेकर आत्मीयता के साथ उनसे बात करनी होगी। अभिभावक व शिक्षकों में बेहतर संवाद से बच्चों की कमियां दूर करने में मददगार बनेगा।

अभिभावकों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वे प्रतिदिन बच्चे से कम से कम आधा घंटा संवाद स्थापित करें। उसके अच्छे काम की प्रशंसा करें और जीवन को बेहतर बनाने के लिए जरूरी टिप्स अवश्य दें। बच्चों को महान लोगों की जीवनी पढ़ने के लिए अवश्य प्रेरित करना चाहिये। विद्यालय एवं अभिभावक के आपसी सहयोग से हम प्रत्येक बच्चे को उत्तम शिक्षा एवं संस्कार दे सकते हैं।

सुधीर श्रीवास्तव, कम्प्यूटर विज्ञान विशेषज्ञ, अशोका पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल। 

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।