Corona Alert In UP: IIT Kanpur के विशेषज्ञों ने किया कोरोना पर शोध, बताई एक गुड न्यूज, जानिए
Coronavirus News Update आइआइटी के विशेषज्ञों के मुताबिक प्रदेशवासियों के लिए गुड और बैड न्यूज हैं। बैड न्यूज है कि भारत में एक दिन में आ सकते हैं 60 हजार से ज्यादा केस। प्रदेश में छह हजार लोगों के रोजाना संक्रमित होने की आशंका।
प्रदेश में छह हजार केस रोज: आइआइटी के साइबर सिक्योरिटी स्टार्टअप इनोवेशन सेंटर के निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल के मैथमेटिकल मॉडलिंग में होली के बाद देश में 60 हजार से ज्यादा केस प्रतिदिन आने का आकलन किया गया है। प्रदेश में छह हजार केस रोज आ सकते हैं। भारत में संक्रमण की रफ्तार अप्रैल के मध्य से कम होने लगेगी। उत्तर प्रदेश में इस महीने के अंत तक तेजी से पॉजिटिव रोगियों की संख्या में इजाफा होगा। इसके बाद स्थिति धीरे-धीरे सही होने लगेगी। प्रो. अग्रवाल के मुताबिक, यूरोपीय देशों की तरह देश के हालात नहीं होंगे। यहां कोरोना टीकाकरण और लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ी है। लॉकडाउन लगाने की जरूरत नहीं है। उनका आकलन पिछले वर्ष और मौजूदा साल का है।
ये रही गुड न्यूज: विशेषज्ञों के द्वारा किए गए शोध में कोविड 19 की सेकंड वेव काे जितना घातक बताया गया है वहीं एक गुड न्यूज भी है। वो ये है कि मृत्युदर में काफी गिरावट दर्ज की गई है। भले ही संक्रमण की लहर तेज हो, लेकिन मृत्युदर में कमी आना वैक्सीन की उपयोगिता और परिणामों को परिलक्षित करता है।
शारीरिक दूरी का पालन न करने पर तेजी से बढ़ेंगे संक्रमित: आइआइटी के फिजिक्स के प्रो. महेंद्र कुमार वर्मा, एयरो स्पेस इंजीनियरिंग के प्रो. राजेश रंजन और प्रोजेक्ट स्टाफ आर्यन शर्मा ने शोध किया है। उनके रिसर्च को संस्थान ने अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा किया है।
इनका ये है मानना: प्रो. राजेश रंजन के मुताबिक, अक्टूबर 2020 से फरवरी 2021 तक संक्रमण के दर में गिरावट आई। 27 मार्च 2021 को केसों के बढऩे की दर मई 2020 के बराबर थी। विशेषज्ञों ने शारीरिक दूरी का पालन न करने पर अगले तीन से चार महीने में एक्टिव केसों की संख्या काफी तेजी से बढऩे की आंशका जताई है। महाराष्ट्र के बाद पंजाब, हरियाणा, गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश में संक्रमण फैल सकता है। लॉकडाउन न लगाने और शारीरिक दूरी का पालन न करने पर देश में एक दिन में एक लाख केस तक आ सकते हैं। इस वर्ष संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है, लेकिन मृत्युदर कम है। मैथमेटिकल मॉडलिंग एक्स्पोनेंशियल ग्रोथ पर आधारित है। अभी शोध जारी है।