Coronavirus Self Care TIPS: कोरोना पॉजिटिव होने पर खुद को रखें 'पॉजिटिव', मजबूत इच्छाशक्ति से संक्रमण को दें मात
Coronavirus Self Care Tips कानपुर मेंं कोरोना की फर्स्ट वेव के समय कई कारोबारी इसकी चपेट में आए। हालांकि ऐसे में आत्मविश्वास को बनाए रखा और संक्रमण को मात देने के बाद अब अन्य लोगों को घबराने की अपेक्षा सकारात्मकता बनाए रखने की सलाह दे रहे हैं।
By Shaswat GuptaEdited By: Updated: Tue, 20 Apr 2021 01:26 PM (IST)
कानपुर, जेएनएन। Coronavirus Self Care Tips कोविड संक्रमण की दूसरी लहर पहली की तुलना में ज्यादा घातक दिख रही है। संक्रमितों के साथ मौतों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में कोरोना को हराने के लिए जरूरी है आत्मविश्वास। यह कहना कोरोना विजेताओं का है, जिन्होंने 10-12 दिन में कोरोना को मात दी और अब दूसरों के लिए सलाहकार की भूमिका में काम कर रहे हैं। इनका मानना है कि दिमाग में कोरोना को हावी होने दिया तो उसे हराना मुश्किल होगा। इसलिए जरूरी है कि इससे बचाव के इंतजाम के साथ डॉक्टरों की सलाह पर ध्यान दें। सावधानी और धैर्य रखेंगे तो कोरोना आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा।
इन बातों का भी रखें ध्यान: कोरोना रिपोर्ट के पाॅजिटिव आने के बाद पॉजिटिव नेचर बनाए रखना तो जरूरी है ही, लेकिन यदि आप अकेले हैं तो इन बातों का भी विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है-
- कोविड प्रबंधन में सहायता करने के लिए अच्छे डॉक्टर से नियमित सलाह लें।
- कुछ मित्र, मेडिकल कर्मी या स्वजन से संपर्क बनाएं रहें जो अापकी मदद करें।
- ऑक्सीजन, एंबुलेंस जैसी क्रिटिकल केयर सर्विसेस के फोन नंबर रखें।
- तनाव महसूस करने पर काउंसलर्स से कांटेक्ट करें।
- कुछ बेसिक दवाओं का एक महीने का स्टॉक तो अपने पास अवश्य रखें।
- जो कुक आपको ताजा और अच्छा खाना उपलब्ध करा सके उसके संपर्क में रहें, ताकि आपको अच्छा और सुपाच्य भाेजन मिल सके।
कोरोना विजेताओं से सुनिए उनकी कहानी -
- बुखार आया तो पहले घर पर इलाज करते रहे। दो दिन बाद जांच कराई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। संयुक्त परिवार में रहते हैं इसलिए सभी परेशान हो गए। दस दिन अस्पताल में रहे। लगा कि कोरोना दिमाग में हावी हुआ तो नुकसान कर देगा। इसके बाद अस्पताल में ही भर्ती दूसरे मरीजों से बातचीत शुरू की। उनके साथ अपना हौसला भी बढ़ाया और ठीक होकर घर आ गए। 22 संक्रमित लोगों को घर में आइसोलेशन के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां और दवाओं के बारे में बताया। - अनूप द्विवेदी, पूर्व महामंत्री बार एसोसिएशन
- लगातार दो दिन बुखार आया। कोविड टेस्ट कराया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद हैलट में भर्ती हो गए। वहां कोविड के पांच मरीज थे। सभी जिंदादिल इंसान थे। अपने बेड से ही हम सब आपस में खूब हंसी मजाक करते थे। 10 दिन में सही हो गए। सोच सकारात्मक रखें तो कोरोना आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। मेरे कुछ दोस्त पॉजिटिव आए तो उनका हर दिन हौसला बढ़ाता था। यही एक चीज है जो कोरोना से जंग में आपको जीत दिलाएगी। - लखन लाल ओमर, पूर्व उपाध्यक्ष कैंट बोर्ड
- कोरोना शरीर के साथ ही साइकोलॉजिकल तरीके से दिमाग पर हावी होता है, लेकिन आपकी सकारात्मकता आधी जीत दिला देती है। मुझे बुखार के साथ ही अन्य लक्षण आए तो टेस्ट कराया। रिपोर्ट पॉजिटिव थी। पहले दिन ही सोच लिया था कि जल्द ठीक होना है। खुद को एक कमरे में आइसोलेट किया। ऑक्सीजन लेवल, फीवर समय पर चेक करने के साथ ही दवाएं लेते रहे। 11वें दिन ठीक हो गए। कोरोना को लेकर डरने की जरूरत नहीं है। शांति के साथ घर पर रहने वाले लोग ठीक हो रहे हैं। मैने सही होने के बाद प्लाज्मा भी दान किया। - संदीप जैन, कंप्यूटर व्यवसायी
- मुझे बुखार नहीं आया, लेकिन सांस लेने में तकलीफ शुरू हुई। इससे पहले पत्नी की भी बीमारी से मौत हो चुकी थी। जिसके बाद जांच कराई तो मैं पॉजिटिव था। हैलट में बेड मिल गया। मैं काफी डरा हुआ था, लेकिन दूसरे मरीजों ने मेरा हौसला बढ़ाया। मैने सोचना छोड़ दिया और व्यायाम शुरू किया। इसके बाद दिन पर दिन हालत सामान्य होने लगी। 12 दिन बाद घर आ गए। अब दूसरे बुजुर्ग साथी पूछते हैं तो सबसे पहले एक बात कहता हूं आज खुश रहो कल खुशी अपने आसपास आएगी। - एसके गुप्ता, प्लास्टिक व्यवसायी
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