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Whatsapp पर X-RAY सेतु बताएगा कोरोना संक्रमण है या नहीं, 14 बीमारियों की देगा जानकारी

आइआइटी कानपुर से एमटेक किए पूर्व छात्र ने आइआइएससी के साथ मिलकर वाट्सएप आधारित चैटबॉट सिस्टम बनाया है । उन्होंने एक साल की रिसर्च के बाद कोरोना रिपोर्ट आसानी से मरीजों तक पहुंचाने की तकनीक विकसित की है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Sat, 29 May 2021 07:52 PM (IST)
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आइआइटी कानपुर के पूर्व छात्र ने विकसित की तकनीक।
कानपुर, विक्सन सिक्रोडिय़ा। कोरोना संक्रमण की जांच के लिए आरटीपीसीआर रिपोर्ट आने में काफी समय लग जाता है। इस बीच मरीज की हालत खराब हो जाती है और कई बार तो जिंदगी खतरे में पड़ जाती है। वहीं, लोग सीटी स्कैन जल्दी करा नहीं पाते हैैं। ऐसे में एक्सरे सेतु उनका मददगार बनेगा। वाट्सएप आधारित चैटबॉट सिस्टम में आए वाट्सएप नंबर 8046163838 पर चेस्ट एक्स-रे भेजने के महज आधे घंटे के अंदर पता चलेगा कि कोरोना संक्रमण है या नहीं। इसके साथ ही फेफड़ों में कितना संक्रमण है, वह कितने संवेदनशील हैं व उनकी स्थिति क्या है समेत 14 बीमारियों की पूरी जानकारी मिल जाएगी।

आइआइटी के पूर्व छात्र ने विकसित की तकनीक

आइआइटी के इनवायर्नमेंट इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट से एमटेक के पूर्व छात्र रहे उमाकांत सोनी ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, एआइ रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी पार्क व निरामय हेल्थ के साथ मिलकर 'एक्सरे सेतु' विकसित किया है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) इस्तेमाल की गई है। 'एक्सरे सेतु' से तीन सौ डॉक्टर जुड़े हैं। इसे विकसित करने में एक साल का समय लगा। शुरुआत में सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि रिसर्च के लिए कोविड पॉजिटिव एक्स-रे नहीं मिल रहे थे।

इस समस्या को दूर करने के लिए एआइ का इस्तेमाल करके एक यूनीक ट्रांसफर लर्निंग फ्रेमवर्क विकसित किया। इससे चेस्ट के सामान्य एक्सरे से फेफड़ों के संक्रमण की स्थिति का पता लगाया जा सकता है। यह सिस्टम एक्सरे देखकर तुरंत आउटपुट देता है। संक्रमित हिस्सों को फोकस कर रिपोर्ट बनाता है। यह रिपोर्ट कुछ ही मिनट में फेफड़ों व चेस्ट के अलग-अलग भागों में हुए संक्रमण के आधार पर स्कोर देती है।

300 डॉक्टरों को मिली मदद

वाट्सएप आधारित चैट बॉक्स से कोविड-19 के अलावा तपेदिक व निमोनिया सहित फेफड़ों से संबंधित 14 अतिरिक्त बीमारियों का भी पता लगा सकता है। एक्सरे सेतु का उपयोग एनालॉग और डिजिटल एक्स-रे दोनों के लिए किया जा सकता है। मोबाइल से भेजे गए कम-रेजोल्यूशन छवियों को देखकर भी यह बीमारी बताने में सक्षम है। एक्सरे सेतु ने पिछले 10 महीनों में ग्रामीण क्षेत्रों में 300 से अधिक डॉक्टरों की मदद की है।

ऐसे करता है काम

स्वास्थ्य जांच के लिए किसी भी डॉक्टर को बस (www.xraysetu.com) पर जाना होगा। 'ट्राई द फ्री एक्सरे सेतु बीटा' (Try The Free Xraysetu Beta) पर क्लिक करना होगा। इसके बाद प्लेटफॉर्म व्यक्ति को दूसरे पेज पर ले जाएगा जहां वेब या स्मार्टफोन एप्लीकेशन के जरिए वाट््सएप-आधारित चैटबॉट के साथ जुडऩे का विकल्प चुन सकते हैैं। इसके बाद सामने आए Whatsapp नंबर पर एक्सरे भेजना होता है और फिर सटीक छवियों के साथ दो पेज की ऑटोमेटेड डायग्नोस्टिक 'रिपोर्ट' आ जाती हैै।

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