अगर आप भी कर रहे आनलाइन शापिंग... तो हो जाएं सावधान, साइबर ठग की आपके खाते में है नजर, बरतें यह सावधानी
साइबर ठगों ने अब पैतरा बदल दिया है। ठग नए रिमोट एप के जरिये लोगों के खाते खाली कर रहे है। वहीं सोवा एप को लेकर साइबर सेल ने अलर्ट जारी किया है। गूगल सर्च से किसी भी कंपनी-डाक्टर और कस्टमर केयर का नंबर निकाल कर डायल नहीं करें।
By ashish pandeyEdited By: Nitesh MishraUpdated: Fri, 30 Sep 2022 03:27 PM (IST)
कानपुर, [आशीष पांडेय]। अगर आप आन लाइन खरीदारी, नेट बैंकिंग आदि का इस्तेमाल कर रहे हैं तो जरा सावधानी बरतें। जरा सी चूक से साइबर ठग आपके जीवन भर की कमाई को कुछ मिनटों में उड़ा सकते हैं। बदलते समय में साइबर ठग भी अपना पैतरा बदल रहे हैं।
रकम रिफंड के नाम पर ठगी करने वाले लिंक भेजकर आपके मोबाइल या सिस्टम का एक्सिस लेते हैं उसके बाद खाता ही साफ कर देते हैं। कई रिमोट एप प्रचलित होने के बाद ठगों ने एक नए रिमोट एप सोवा के जरिए घटनाओं को अंजाम देना शुरू किया है। जिसे लेकर साइबर अपराध एडवाइजरी की ओर से अलर्ट जारी किया गया है।
भागदौड़ भरी जिंदगी में अब लोग घर का सामान, कपड़े, जूते-चप्पल और गृह साजसज्जा के सामान की आनलाइन खरीदारी करते हैं। त्योहारी सीजन आते ही साइबर ठग भी सक्रिय हो जाते हैं। कंपनियों के उत्पादों पर फर्जी आफर के विज्ञापन इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर प्रचलित होते हैं। जिनके झांसे में आकर लोग ठगी के शिकार हो जाते हैं।
कई बार ठगी के शिकार हुए लोग साइबर ठगों के झांसे में आकर दी गई रकम रिफंड के नाम पर दोहरा नुकसान उठाते हैं। साइबर ठग भी रकम रिफंड करने का झांसा देकर उन्हें लिंक भेजते हैं। जिसे अपलोड करते ही मोबाइल या सिस्टम का रिमोट एक्सिस साइबर ठगों के पास आ जाता है। जिसके बाद वह डाटा चोरी करने के साथ ही खाते से रकम भी साफ कर देते हैं।
12 से अधिक एप का करते इस्तेमाल : साइबर एक्सपर्ट की मानें तो 12 से अधिक रिमोट एप का इस्तेमाल साइबर ठग करते हैं। जिसमें सबसे प्रचलित एनीडेस्क एप है, लेकिन हाल में दिल्ली और राजस्थान की कुछ ठगी की घटनाओं में एक सोवा एप का इस्तेमाल होना सामने आया है। सोवा एप भी रिमोट एक्सिस देने वाला एप है। नए एप का इस्तेमाल होने को लेकर रेंज साइबर सेल की ओर से अलर्ट जारी किया गया है।
ऐसे करते हैं ठगी : आदेश कुमार ने आन लाइन कुछ कपड़ों की खरीदारी की थी। किन्हीं कारणों से उन्हें एक जोड़ी कपड़े लौटाने थे। जिसके लिए उन्होंने ई-कामर्स कंपनी के प्रतिनिधि से बात करने के लिए गूगल से नंबर निकाला और काल लगा दी। गूगल पर पहले ही साइबर ठग विभिन्न कंपनियों के कस्टमर केयर के नाम से अपने नंबर फीड करके रखते हैं।बात करने वाले ने रकम रिफंड करने के लिए एक लिंक भेजा। जिसे अपलोड करते ही रिमोट एप मोबाइल या सिस्टम पर एक्टिव हो गया। जिसके बाद एक वन टाइम पासवर्ड की तरह ही एक कोड आया। जिसे पूछने के बाद आदेश का मोबाइल या सिस्टम हैंग हो गया। ठग ने इसका फायदा उठाते हुए खाते से आन लाइन रकम पेटीएम और दूसरे खातों में ट्रांसफर कर ली।
यह बरतें सावधानियां - मोबाइल पर इंटरनेट बैंकिंग, ई-वालेट आदि का इस्तेमाल करते हुए सावधानी बरतें।- कोई भी ट्रांजक्शन करने से पहले जिसे रकम भेजनी है उसका मोबाइल नंबर या खाता नंबर आदि की जांच कर लें।- गूगल से नंबर निकाल कर किसी ई-कामर्स कंपनी, डाक्टर या किसी का भी कस्टमर केयर नंबर पर संपर्क करने से बचे।- त्योहारी मौसम में लुभावने आफरों के चक्कर में आने से बचें।
- विभिन्न इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर अंजान लोगों के दोस्ती के प्रस्ताव को स्वीकार न करें।- अंजान लिंक को अपलोड करने से बचे।- बैंक खाता संबंधी, एटीएम, डेबिट कार्ड संबंधी जानकारी किसी से भी साझा न करें।साइबर ठगों ने अब नए रिमोट एप सोवा के जरिये लोगों को ठगी का शिकार बनाना शुरू कर दिया है। दिल्ली और राजस्थान की कई घटनाओं में इस एप का इस्तेमाल होने की बात सामने आयी है। इसे लेकर साइबर अपराध एडवाइजरी से अलर्ट जारी किया गया है।- अनिल कुमार सचान, साइबर क्राइम क्षेत्राधिकारी
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