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दुनिया में छाया आइआइटी का इंटेलीजेंट ग्राउंड व्हीकल DAKSH-ll, जानिए क्या हैं इसकी खूबियां

अमेरिका के मिशीगन में 37 देशों के बीच वैश्विक प्रतियोगिता में कानपुर आइआइटी के होनहार छाए रहे।

By AbhishekEdited By: Updated: Mon, 17 Jun 2019 09:23 AM (IST)
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दुनिया में छाया आइआइटी का इंटेलीजेंट ग्राउंड व्हीकल DAKSH-ll, जानिए क्या हैं इसकी खूबियां
कानपुर, जेएनएन। शोध और होनहार छात्रों की बदौलत दुनिया भर में अपना लोहा मनवा रहे कानपुर आइआइटी की झोली में एक और बड़ी उपलब्धि आई है। आइआइटी के विभिन्न इंजीनियरिंग ब्रांच के छात्रों के बनाए इंटेलीजेंट ग्राउंड व्हीकल दक्ष॥ ने अमेरिका के मिशीगन में 37 देशों के बीच हुई प्रतियोगिता में चार वर्गों में चार पुरस्कार झटके और दूसरे नंबर पर रहा है। इस उपलब्धि से आइआइटी कानपुर एक बार फिर देश-दुनिया में अपना नाम रोशन कर रहा है। 

अमेरिका के मिशीगन में हुई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता

अमेरिका के मिशीगन में सात से दस जून तक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें यूएस, यूके, जर्मनी, फ्रांस व इटली, भारत समेत 37 देशों की इंजीनियरिंग टीम ने अपने-अपने इंटेलीजेंट व्हीकल का प्रदर्शन किया था। इस प्रतियोगिता में आइआइटी कानपुर के छात्रों द्वारा बनाया गया इंटेलीजेंट व्हीकल दक्ष ने शानदार प्रर्दशन किया। चार वर्गों में हुई प्रतियोगिता में दक्ष ने ग्रैंड चैलेंज में दूसरा, ऑटो नेविगेशन चैलेंज में तीसरा, इंटरऑपरेबिलिटी प्रोफाइल्स चैलेंज में तीसरा और साइबर सिक्योरिटी चैलेंज में चौथा स्थान प्राप्त किया।

तीन साल के शोध के बाद बनाया

आइआइटी के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. मंगल कोठारी के निर्देशन में विभिन्न इंजीनियरिंग ब्रांच के 13 छात्रों ने तीन साल के शोध के बाद इसे बनाया है। इनमें हर्ष सिन्हा, अलाप शाह, हेमंत, अभिषेक यादव, वैभव अग्रवाल, वर्धान गुप्ता, अपूर्व नंदन, आर्यन चौधरी, फैजान सिद्दीकी, किशन शुक्ला, नितिक जैन, शिवम कुमार व तुषार सिंघल शामिल हैं।

कोई नहीं कर सकता हैक

यह व्हीकल अपनी राह में आने वाले हर रोड़े को भांपकर रास्ता बदल लेता है। ऐसी कोई बाधा राह में आई है, जो नुकसान पहुंचा सकती है, तो उसकी फोटो खींचकर अपनी मेमोरी में फीड कर लेता है और अपने कंट्रोलर से भी शेयर कर लेता है। प्रो. कोठारी ने बताया कि स्टीरियो विजन कैमरा, लीडार, व्हील इनकोडर का प्रयोग कर बने इस दो फिट के इंटेलीजेंट व्हीकल को कोई हैक नहीं कर सकता है, यह साइबर सिक्योरिटी से युक्त है।

आसपास होने वाली घटनाओं से सचेत रहे, इसके लिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स व आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग किया गया है। यूएस में हुई प्रतियोगिता में यह व्हीकल ऐसे रास्तों पर चला, जिस पर ड्रम और बड़े पत्थर समेत कई अवरोधक रखे हुए थे। व्हीकल को इनसे बचकर तय समय में दूरी तय करनी थी।

सर्विलांस में हो सकता है इस्तेमाल

भविष्य में इंटेलीजेंट व्हीकल का इस्तेमाल सर्विलांस के लिए किया जा सकता है। यह उन क्षेत्रों की सूचनाएं लाने में सक्षम है, जहां जवानों का पहुंचना मुश्किल होता है। यह व्हीकल ऐसे स्थानों की फोटो खींचकर भेज सकता है। आइआइटी भविष्य में इस दिशा में काम करेगा।

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