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पनकी हनुमान मंदिर के ब्रह्मलीन महंत के षोडश संस्कार को लेकर बढ़ी रार, महंत श्रीकृष्ण ने जताई आपत्ति

ब्रह्मलीन महंत बाबा रमाकांत दास के षोडश संस्कार 23 मई को मंदिर परिसर में करने की अनुमित मिली है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Fri, 22 May 2020 05:58 PM (IST)
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पनकी हनुमान मंदिर के ब्रह्मलीन महंत के षोडश संस्कार को लेकर बढ़ी रार, महंत श्रीकृष्ण ने जताई आपत्ति

कानपुर, जेएनएन। पंचमुखी हनुमान मंदिर पनकी के ब्रह्मलीन महंत बाबा रमाकांत दास के षोडश संस्कार को लेकर विवाद गहरा गया है। गुरुवार को दिन में प्रशासन ने महंत जितेंद्र दास और श्रीकृष्ण दास व उनके समर्थकों के साथ शिविर कार्यालय में बैठक कर कमेटी बनाई थी। इसमें तय हुआ था कि दोनों पक्षों के लोग कार्यक्रम से दूर रहेंगे। समाजसेवी संतोष अग्रवाल 16 संतों को भोजन कराएंगे और उनका टीका करेंगे। मंदिर में संतों के साथ महंत श्रीकृष्ण दास ने रात्रि में बैठक की और कार्यक्रम के आयोजन से इन्कार कर दिया। कहा कि रमाकांत दास के वे शिष्य और भतीजे भी हैं। ऐसे में किसी गैर व्यक्ति को षोडश संस्कार का अधिकार नहीं है।

बाबा रमाकांत दास के ब्रह्मलीन होने के बाद से ही मंदिर में महंत पद को लेकर विवाद चल रहा है। सुरेश दास और बालक दास ने खुद को उनका उत्तराधिकारी बताते हुए श्रीकृष्ण दास के महंत पद को चुनौती दी है। 23 मई को मंदिर में षोडश संस्कार का आयोजन होना है। इसी दिन श्रीकृष्ण दास, बालक दास और सुरेश दास ने खुद के पट्टाभिषेक का कार्यक्रम करने की घोषणा की थी। विवाद बढ़ता देख गुरुवार को डीएम डॉ. ब्रादेव राम तिवारी ने सभी पक्षों के साथ बैठक की। तय किया गया कि कोई भी पक्ष कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेगा। संतोष अग्रवाल

कार्यक्रम का आयोजन करेंगे।

बैठक में एसएसपी अनंत देव तिवारी, एडीएम सिटी विवेक कुमार श्रीवास्तव, महंत श्रीकृष्ण दास, महंत महामंडलेश्वर जितेंद्र दास, जनार्दन दास, बालक दास, सुरेश दास उपस्थित रहे। शाम को श्रीकृष्ण दास ने बालयोगी अरुणपुरी चेतन्य, महामंडलेश्वर स्वामी विनय स्वरूप ब्राआचारी आदि संतों के साथ बैठक की। तय किया गया कि उत्तराधिकारी होने के नाते संस्कार का उत्तरदायित्व उनका है इसलिए किसी गैर व्यक्ति से संस्कार कराने का अधिकार प्रशासन को नहीं है। एडीएम सिटी विवेक श्रीवास्तव ने कहा कि सुबह बैठक में षोडश संस्कार को लेकर सहमति बन गई थी। अगर श्रीकृष्ण दास जी द्वारा कार्यक्रम के आयोजन पर आपत्ति की जानकारी उन्हें नहीं है।

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने डीएम को भेजा पत्र

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने डीएम को पत्र भेजा है कि मंदिर में दो महंतों की परंपरा है। एक महंत जितेंद्र दास हैं। जबकि दूसरे महंत रहे रमाकांत दास महाराज ने अपने शिष्य कृष्णदास को उत्तराधिकारी घोषित किया है और पंजीकृत वसीयत की है। इसलिए कृष्णदास महाराज हैं। इसके साथ ही महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती, स्वामी गीतानंद गिरि, महामंडलेश्वर स्वामी केशवनंद सरस्वती ने श्रीकृष्ण दास को महंत पद के लिए बधाई दी है।