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Diwali 2022: इस बार विशेष फल देने वाले हैं दीपावली के पहले से बाद तक 10 खास त्योहार, पढ़ें क्या है खास महत्व

Diwali Dhanteras 2022 दीपावली के साथ दस खास त्योहार भी मनाए जाते हैं इस बार शुभ योग और नक्षत्र में सभी विशेष फल देने वाले हैं। करवाचौथ और अहोई अष्टमी के बाद दस दिन लगातार त्योहार के शुरू होने जा रहे हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Wed, 19 Oct 2022 02:52 PM (IST)
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दीपवली समेत दस खास त्योहारों का सिलसिला शुरू हो रहा है।

कानपुर, जागरण संवाददाता। Diwali Dhanteras 2022 : करवाचौथ के बाद अहोई अष्टमी का पर्व संपन्न होने के बाद अब त्योहरों की माला का क्रम शुरू होने जा रहा है। आने वाले 22 अक्टूबर से अगले 10 दिन तक विशेष पर्व मनाए जाएंगे। इसमें गौवत्स द्वादशी, शनि प्रदोष, धनतेरस, दीपावली, गोवर्धन पूजन, भाई दूज आंवला नवमी और देव दीपावली विशेष नक्षत्र में पड़ने से शुभफल देने वाले हैं। पद्मेश इंस्टीट्यूट आफ वैदिक साइंसेस के संस्थापक अध्यक्ष केए दुबे पद्मेश और धूनी ध्यान केंद्र के आचार्य अमरेश मिश्र ने तीज-त्योहार और पूजन का महत्व बताया।

22 अक्टूबर- गोवत्स द्वादशी एवं शनि प्रदोष पूजन : मातृशक्ति गौ माता का पूजन अर्चन करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है। मान्यता है कि गाय माता के चारों पैरों में चारों वेद और पूंछ में पुराणों का वास होता है। इसी को रम्भा एकादशी भी कहते हैं। इसी दिवस शनि प्रदोष पूजन भी होगा। इस दिन पीपल वृक्ष के नीचे दीपक रखने और काले तिल अर्पित करने से शनि देव सभी दोष व संकटों का हरण करेंगे।

23 अक्टूबर- धनतेरस Dhanteras 2022 :  : धनतेरस कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाने वाला पर्व है।इस बार उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र और इंद्र मित्र योग में धनतेरस त्योहार मनाने से विशेष फलदायी होगा। इसे धन त्रयोदशी और धन्वंतरि जयंती के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन कुबेर महाराज का पूजन अर्चन से कृपा बरसती है और धन संपदा में बढ़ोत्तरी होता है।

नरक चर्तुदशी Narak Chaturdashi 2022 : नरक चतुर्दशी जिसे रूप चौदस भी कहते हैं उसका पूजन किया जाएगा। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को अकाल मृत्यु के दोष को दूर करने के लिए घर के बाहर दीप जलाकर प्रभु का स्मरण करना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा का अंत होता और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

24 अक्टूबर- दीपावली Diwali 2022 : इस बार दीपोत्सव पर्व हस्त नक्षत्र और शिव योग में मनाया जाएगा। मां लक्ष्मी और गणपति के साथ कुबेर भगवान का पूजन करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। दीपावली का त्योहार हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक हस्त नक्षत्र में दीपोत्सव इस बार समृद्धि लाएगी। देर रात काली पूजन का भी विशेष महत्व है और विद्या-ज्ञान में सिद्धि प्राप्त की जाती है।

26 अक्टूबर- गोवर्धन पूजा Govardhan Puja 2022 :  इस बार आयुष्मान नक्षत्र में गोवर्धन पूजन से घर हमेशा अन्न से भरा रहेगा। इसे अन्नकूट पूजन के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर यह पर्व मनाया जाता है। गाय के गोबर से गोवर्धन बनाकर पूजन करना शुभ होता है। अन्नकूट पूजा में भगवान को कढ़ी, चावल, दहीबड़ा और विभिन्न प्रकार की सब्जियों का भोग अर्पित किया जाता है। इससे घर में कभी अन्न का संकट नहीं आता है।

27 अक्टूबर- भाई दूज  Bhai Dooj 2002 : आयुष्मान योग और स्वाति नक्षत्र में बहनें भाइयों का तिलक कर पर्व मनाएंगी। इसी दिन चित्रगुप्त पूजन का आयोजन भी किया जाता है। भगवान गणेश का पूजन कर बहनें भाइयों का तिलक करती हैं और उनकी दीर्घायु की कामना करती हैं। 

30 अक्टूबर- महापर्व छठ Chhath Puja 2022 : सिद्ध योग में महापर्व छठ मनाया जाएगा। श्रद्धालु छठ मइया का स्मरण कर डूबते और उगते सूर्य देवता को अर्घ्य देंगे। महिलाएं सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। इसे सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है।

04 नवंबर- आंवला (अक्षय) नवमी : अक्षय नवमी पर्व रोगों से मुक्ति प्रदान करने वाला है, इस दिन घर परिवार के लोग बागीचे में आंवला वृक्ष के नीचे विश्राम करते हैं। महिलाएं भोजन पकाती हैं और भोग लगाती हैं। इसके बाद परिवार के सदस्य भोजन करते हैं। 

07 नवंबर- देव दीपावली : यह दिवस देवताओं की दीपावली वाला होता है। इस दिन प्रमुख नदियों के किनारे तटों पर दीप माला सजाकर और दीप दान करने की परंपरा है। वायु, अग्नि, वरुण आदि सभी देवताओं का आह्वान किया जाता है। नदियों के किनारे दीप माला की अद्भुत छटा बिखरी नजर आती है।

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