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कानपुर के चोर बाजार में बिकते देसी जुगाड़ वाले पार्ट्स, वाहन कटिंग की आड़ में होता धंधा

कानपुर में वाहन कटिंग से निकलने वाले कलपुर्जे बताकर देसी जुगाड़ वाले पार्ट्स का कारोबार किया जा रहा है। चोर बाजार में मिलने वाले इन कलपुर्जों की कोई भी गारंटी और वारंटी नहीं ली जाती है और न ही वापसी होती है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Wed, 10 Feb 2021 09:43 AM (IST)
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कानपुर में आेरिजनल बताकर बेचे जाते देसी कलपुर्जे।प्रतीकात्मक फोटो
कानपुर, जेएनएन। वाहन कटिंग के बाद चोर बाजार में बिकने वाले उनके पार्ट्स की आड़ में देसी जुगाड़ वाले पार्ट्स का भी बड़ा कारोबार है। चोर बाजार में इन्हें ओरिजनल बताकर अच्छे दामों पर बिक्री किया जाता है। खास बात यह है कि यहां मिलने वाले पार्ट्स को चेक करने की कोई व्यवस्था नहीं है। न ही इस माल की कोई गारंटी या वारंटी मिलती है। खराब निकलने पर ये बदले भी नहीं जाते।

चोरी के वाहनों के पार्ट्स फजलगंज, गड़रियनपुरवा, हर्ष नगर की कुछ दुकानों में खुलेआम बिक रहे हैं। इन दुकानों में पुराने पार्ट्स की आड़ में देसी जुगाड़ वाले पार्ट्स का कारोबार हो रहा है। अधिकांश वह पार्ट्स होते हैं जो इंजन, व्हील और इलेक्ट्रिक उपकरण संबंधी होते हैं। दो पहिया वाहनों के इंजन में लगने वाले कार्बोरेटर, मैग्नेट क्वायल, पिकअप क्वायल, गियर और चार पहिया व बड़े वाहनों में लगने वाले इंजन का हेड, क्रंक, शॉकर, इंजन की वायरिंग, इंजेक्टर, एसीएम, ब्रेक शू, कैलिपर पिन, कैलिपर सेट, डिजिटल मीटर, वाटर व आयल पंप जैसे पार्ट्स की खूब बिक्री होती है। इनमें से कई पार्ट्स ऐसे हैं जिनमें देसी जुगाड़ करने के बाद इन्हें ओरिजनल बताकर बेचा जाता है।

कई बार तो लोग ओरिजनल पार्ट्स के लालच में नए पार्ट्स से कम कीमत में मिलने के चलते इन्हें खरीद लेते हैं, लेकिन काम न करने पर दुकानदार वापस नहीं लेते। इसी वजह से विवाद की स्थिति बनती है। तीन वर्ष पूर्व इटावा के युवक ने फजलगंज के दुकानदार से चारपहिया वाहन के शॉकर खरीदे थे। एक शॉकर का ऑयल तीसरे दिन ही लीक हो गया। इसे लेकर दुकानदार व ग्राहक के बीच नोकझोंक के बाद जमकर मारपीट हुई थी और मामला फजलगंज थाने पहुंचा था। पुलिस ने लीपापोती कर मामला निपटा दिया था।

क्या है देसी जुगाड़

गैराज में सर्विस के लिए आने वाले जिन वाहनों के पार्ट्स बदले जाते हैं, उन पुराने पार्ट्स को गैराज वाले कबाड़ के भाव में बेचते हैं। यही माल देसी जुगाड़ करने वाले कारोबारी खरीदते हैं। इसमें ब्रेक शू, शॉकर, सस्पेंशन के चिमटे आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन पार्ट्स को खरीदकर सफाई व रंग रोगन करके नए बुश आदि डालकर इन्हें बेचा जाता है। एक्सल में भी इसी तरह खेल होते हैं। एक्सल की छर्रे वाली कटोरियां बदलकर ग्रीसिंग करके उसे बेचा जा रहा है। शॉकर में भी आयलसील बदलकर पुराना इंजन आयल भरकर तैयार किया जाता है। बाद में काला पेंट करके उसे तीन हजार रुपये जोड़ी के हिसाब से बेचा जाता है।

  • विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधि जब शिकायत करते हैं तो जांच कराकर कार्रवाई की जाती है। अभी पुराने पार्ट्स संबंधी ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है। शिकायत आने पर कार्रवाई होगी। -संतोष सिंह, सीओ नजीराबाद
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