Dussehra 2022 : कानपुर में विजयादशमी पर दशानन मंदिर के खुले पट, लोगों ने की रावण की पूजा
Dussehra 2022 कानपुर में दशहरे के पर्व पर शिवाला स्थित दशानन मंदिर के पट खोले गए। सुबह से ही मंदिर में दशानन के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ लगना शुुरु हो गई। भक्तों ने रावण को दीप अर्पित कर बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति की मनोकामना मांगी।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek AgnihotriUpdated: Wed, 05 Oct 2022 12:42 PM (IST)
कानपुर, जागरण संवाददाता। Dussehra 2022 शिवाला स्थित दशानन मंदिर के पट बुधवार को दशहरा पर्व के अवसर पर खोले गए। भक्तों ने गंगाजल से बीबी दशानन की प्रतिमा को स्नान कराकर पुष्पों से मनोहारी श्रृंगार किया। वर्ष में एक बार दशहरा के दिन मंदिर के पट खोलना के कारण सुबह से ही बड़ी संख्या में भक्त पहुंचकर दशानन को सरसों के तेल का दीपक कर रहे हैं। मान्यता है कि रावण बुद्धि और पराक्रम सर्वश्रेष्ठ था इसलिए सरसों के तेल का दीपक अर्पित करने से बुद्धि और पराक्रम की प्राप्ति होती है।
बुधवार को दशहरा पर्व को लेकर रामलीला मैदान में रावण दहन की तैयारियां शुरू हुई वहीं दूसरी ओर शिवाला स्थित दशानन मंदिर में भोर पहर से ही पूजन अर्चन का दौर शुरू हो गया। भक्त लौकी और तरोई के पत्ते पर सरसों के तेल का दीपक कर रावण के दर्शन कर रहे हैं।मंदिर में एकत्र हुए भक्त रावण के साथ नीलकंठ पक्षी के दर्शन करने भी पहुंच रहे हैं। क्षेत्रीय भक्तों के मुताबिक दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन करना शुभ माना जाता है और रावण मंदिर में नीलकंठ पक्षी दशहरा के दिन दिखाई पड़ता है।
भक्त अमित ने बताया शिवाला मंदिर के पास दशानन शक्ति के प्रहरी के रूप में विराजमान है। दशानन का मंदिर मां छिन्नमस्तिका देवी के नजदीक बना है जिसके चलते बड़ी संख्या में भक्तों रावण मंदिर में दर्शन को पहुंच रहे हैं। मंदिर के पट वर्ष में दशहरे के दिन भोर पहर खुलते हैं जबकि सूर्य अस्त होने से पहले मंदिर को एक वर्ष के लिए फिर से बंद कर दिया जाता है। जिसके चलते दिनभर दशानन मंदिर में भक्तों की भीड़ रहती है।
भक्त केशव द्विवेदी ने बताया कि दशानन शिव और शक्ति के मध्य विराजमान हैं जिसका दर्शन करना शुभ माना जाता है। भक्तों के मुताबिक के दर्शन असत्य पर सत्य की जीत और अधर्म पर धर्म की जीत का दशहरे के दिन मनाया जाता है।
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