Dussehra 2022 : कानपुर में बारिश से रावण दहन पर संकट, देखें- अब कैसा है रामलीला स्थल पर खड़े पुतलों का हाल
Dussehra 2022 कानपुर में 80 स्थानों पर रामलीला का आयोजन चल रहा है और सौ से ज्यादा दशहरा मेला ग्राउंड पर रावण के पुतले खड़े किए जा चुके हैं। बुधवार सुबह से जारी बारिश में आयोजक पुतलों को भीगने से बचाने की जुगत करते रहे।
By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Wed, 05 Oct 2022 03:00 PM (IST)
कानपुर, जागरण संवाददाता। बीते दो वर्ष तक कोरोना की मार और इस बार बारिश की बौछार ने रावण दहन पर संकट खड़ा कर दिया है। मंगलवार की रात से शुरू हुई बारिश बुधवार सुबह से लगातार जारी है। शहर में रामलीला स्थल पर दहन के लिए खड़े किए रावण के पुतले भीग चुके हैं या फिर तेज हवा में गिर गए हैं। इससे रामलीला और दशहरा मेला में रावण दहन को लेकर संशय के हालात बन गए हैं।
कानपुर शहर में कोरोना काल के चलते बीते दो वर्षों में दशहरा का पर्व बहुत ही सीमित रहा था, इस बार सभी बंदिशों से मुक्त होकर विजयादशमी पर्व का उल्लास चरम पर बना है। शहर में 80 स्थानों पर रामलीला का मंचन किया जा रहा है।
वहीं बुधवार को दशहरा पर रावण दहन के लिए भी तैयारियां की जा चुकी हैं। एक दिन पहले से रावण के पुतले खड़े किए जा चुके थे। वहीं शहर की प्रमुख परेड रामलीला में पांच दिन पहले से ही रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले खड़े हो चुके थे। सोमवार को कुंभकरण और मंगलवार को मेघनाद के पुतले का दहन भी हो चुका है और आज रावण पुतला दहन होना है।
खास रहता परेड रामलीला का रावण दहन
श्री रामलीला सोसाइटी परेड द्वारा मनाया जा रहा 146वां विजयदशमी उत्सव खास है। परेड मैदान में राम रावण युद्ध की लीला के मंचन और लगभग 90 फीट के रावण का पुतले दहन देखने के लिए बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटती है। रावण दहन से पहले भव्य आतिशबाजी और लेजर लाइट शो का भी इंतजाम किया गया है। बुधवार सुबह से हो रही बारिश के चलते रावण का पुतला पूरी तरह भीग चुका है और उसपर लगा रंगीन कागज का आवरण भी हट गया है। आयोजकों में उहापोह के हालात बने हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।