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भाऊपुर से खुर्जा तक दस स्टेशन और 19 बड़े पुल, जानिए-कैसा है डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर

डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर के कानपुर देहात के भाऊपुर न्यू स्टेशन से मालगाड़ी की रवानगी के साथ ही ट्रैक की शुरुआत हो गई है। इससे सात जिलों के व्यापारियों को सीधा लाभ मिलेगा। हालांकि इसका सीधा फायदा कानपुर को नहीं मिलेगा।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Tue, 29 Dec 2020 12:49 PM (IST)
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डीएफसी ट्रैक पर न्यू भाऊपुर स्टेशन से चल पड़ी मालगाड़ी।

कानपुर, जेएनएन। डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर के भाऊपुर खुर्जा सेक्शन की शुरूआत मंगलवार से हो चुकी है। यह डीएफसीसीआइएल (डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर कॉरपोरेशन इंडिया लिमिटेड) के लिए बड़ी उपलब्धि है, वहीं व्यापारियों के लिए भी यह फायदे की सौगात लेकर आई है। डीएफसी ने इस रूट पर भाऊपुर के साथ कंचौसी, अछल्दा, इकदिल, भदान, मखनपुर, टूंडला, हाथरस, दऊकन और खुर्जा में स्टेशन बनाया है। मालगाड़ी इन स्टेशनों पर व्यापारियों के माल की लोडिंग और अनलोडिंग करेगी। सीधे ट्रक से मालगाड़ी में माल लादा और उतारा जा सकेगा। अधिकारियों के मुताबिक मांग के अनुरुप स्टेशनों काे विस्तार दिया जाएगा। बता दें ईस्टर्न कॉरीडोर लुधियाना से दनकुनी पश्चिम बंगाल तक 1840 किमी लंबा है। इसे अलग-अलग सात हिस्सो में बनाया जा रहा है।

पहले दिन डेढ़ किमी लंबी मालगाड़ी

अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री के वीडियो कांफ्रेंसिंग से उद्घाटन के साथ ही 1.5 किमी लंबी मालगाड़ी चलायी। आमतौर पर मालगाड़ी 700 मीटर लंबी होती है। 

इस रूट पर हैं 68 लेवल क्रासिंग

भाऊपुर से खुर्जा के बीच डीएफसी ने 68 लेवल क्रासिंग बनायी है। इसके साथ ही इस पूरे रूट पर 19 बड़े पुल, 414 छोटे पुल और सात फ्लाई ओवर बनाए गए हैं ताकि मालगाड़ी को निर्बाध रूप से चलाया जा सके।

कानपुर के व्यापारियों को सीधा फायदा नहीं 

डीएफसी ट्रैक शुरू होने का सीधा फायदा कानपुर को नहीं मिलेगा। यहां के व्यापारियों को इसका लाभ लेने के लिए करीब 40 किमी दूर भाऊपुर जाना होगा। जबकि कानपुर देहात, औरैया, इटावा, फिरोजाबाद, हाथरस, अलीगढ़ और बुलंदशहर के व्यापारियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा क्योंकि डीएफसी ने यहां पर न्यू स्टेशन बनाए हैं।

इन जिलों के व्यापार को मिलेगी ऑक्सीजन

  • कानपुर देहात का पुखरायां एल्युमिनियम उद्योग के लिए जाना जाता है। यहां से एल्युमिनियम बाहर भेजा जाता है। अभी व्यापारियों को माल भेजने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। डीएफसी कॉरीडोर शुरू होने के बाद व्यापारियों को राहत मिलेगी।
  • औरैया में देशी घी का उत्पादन बहुतायत में होता है। डीएफसी कॉरीडोर शुरू होने पर औरैया के घी को बड़ा बाजार मिल जाएगा।
  • टेक्सटाइल उत्पादन में इटावा आगे है। हाथ के जरिये कपड़ों पर ब्लॉक प्रिंटिंग का यहां बड़ा काम होता है। यहां बने उत्पाद की मांग देश के साथ विदेश में भी है। ऐसे में यहां के व्यापारियों के लिए डीएफसी वरदान साबित होगी।
  • फिरोजाबाद कांच की कारीगरी के लिए जाना जाता है। जानकार बताते हैं यहां करीब 20 हजार छोटे बड़े कारखाने हैं जो कांच के काम में लगे हैं। अभी फिरोजाबाद के गिने चुने बड़े व्यापारी ही अंतराष्ट्रीय बाजार में दखल रखते हैं। डीएफसी के जरिये पहुंच बढ़ने से यहां के कांच उद्योग का ऑक्सीजन मिल जाएगी।
  • अलीगढ़ ताले और हार्डवेयर के लिए प्रसिद्ध है। दुनियाभर में यहां से ताले जाते हैं। पीतल, कांसा, तांबा और एल्युमिनियम का यहां बड़ा काम है। हजारों की संख्या में उत्पदानकर्ता और व्यापारियों को डीएफसी के माध्यम से बड़ा बाजार मिलेगा।
  • बुलंदशहर के खुर्जा में मिट्टी के बर्तनों का बड़ा बाजार है। यहां करीब 350 यूनिट हैं जहां से तैयार माल की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मांग रहती है। - हाथरस में हींग का बड़ा काम होता है। यहां से तैयार माल दुनिया भर के कोने कोने में जाता है। कच्ची हींग अफगानिस्तान, तजाकिस्तान आैर उजबेकिस्तान से मंगायी जाती है। यहां तैयार कर उसे फिर बाहर भेजा जाता है।
  • लुधियाना से दनकुनी तक तैयार होंगे यह सात सेक्शन

लुधियाना से दनकुनी तक तैयार होंगे ये स्टेशन

1-न्यू दनकुनी से न्यू गमोह तक 282 किमी लाइन में होंगे नौ स्टेशन

2-न्यू गमाेह से न्यू सोन नगर तक 258 किमी लाइन में होंगे सात स्टेशन

3-न्यू सोन नगर से न्यू डीडीयू तक 129 किमी लाइन में होंगे आठ स्टेशन

4-न्यू डीडीयू से न्यू भाऊपुर तक 382 किमी लाइन में होंगे 12 स्टेशन

5-न्यू भाऊपुर से न्यू खुर्जा तक 351 किमी लाइन में होंगे 10 स्टेशन

6-न्यू खुर्जा से न्यू पिलखनी तक 230 किमी लाइन में होंगे 22 स्टेशन

7-न्यू पिलखनी से न्यू छवापेल तक 168 किमी लाइन में 13 स्टेशन

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