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एकता की सफलता को देखकर अब बच्चों से कोई न कहेगा-मोबाइल से दूर रहो

कानपुर की एकता सक्सेना मोबाइल पर इंटरनेट का सही इस्तेमाल कर जज बन गई हैं।

By AbhishekEdited By: Updated: Thu, 13 Feb 2020 11:48 AM (IST)
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एकता की सफलता को देखकर अब बच्चों से कोई न कहेगा-मोबाइल से दूर रहो

कानपुर, जेएनएन। मोबाइल के प्रति दीवानगी युवाओं को अंधकार की ओर ढकेल रही है, ऐसी सोच को कानपुर की एकता ने मिथक साबित कर दिया है। वो अब मोबाइल पर सोशल मीडिया के जाल में फंसे युवाओं के लिए नसीहत बन गई और एक मिसाल कायम की है। इंटरनेट का सही इस्तेमाल क्या है, यह उन्होंने बता दिया है। जज बनने का मुकाम हासिल करने के बाद अब एकता ने लीगल रिसर्चर पद से इस्तीफा दे दिया है।

यू-ट्यूब को बनाया कोचिंग टीचर

सोशल मीडिया पर युवाओं की लगातार व्यस्तता पर नसीहत अब आम हो गई है-दूर ही रहो इससे...यह समय की बर्बादी है...और भी तमाम बातें। लेकिन, स्वरूप नगर की एकता सक्सेना की सफलता को देखकर अब कोई बच्चों को मोबाइल से दूर रहने को नहीं कहेगा। यू-ट्यूब को कोचिंग टीचर बनाकर निरंतर तैयारी करके एकता झारखंड न्यायिक सेवा में सफलता पाकर सिविल जज बनने वाली हैं। सोशल मीडिया से तैयारी करके वह इस मुकाम तक पहुंची हैं। उनकी यह सलाह भी है कि सोशल मीडिया पर पूरा दिन खराब कर दिया जाए, सिर्फ पढ़ाई और सीखने-समझने के लिए सहारा लेना चाहिए।

अधिवक्ता बाबा और पिता को देख तय किया लक्ष्य

एकता ने बताया कि अधिवक्ता बाबा ओंकार प्रसाद सक्सेना और पिता संजय सक्सेना को काले कोट में देखकर बचपन में ही तय कर लिया था कि वकालत करूंगी। स्कूल खत्म होने के बाद डिग्री कॉलेज में कदम रखते ही जज बनने का लक्ष्य तय कर लिया। स्नातक की पढ़ाई के साथ वकालत के लिए खुद को तैयार करती रही। 2013 में पीपीएन डिग्री कॉलेज से सर्वाधिक 71 फीसद अंकों के साथ स्नातक और 2017 में वीएसएसडी लॉ कॉलेज से 64 फीसद अंक पाकर एलएलबी की परीक्षा में कॉलेज टॉप किया। इसके बाद बिना किसी कोचिंग के इलाहाबाद उच्च न्यायालय में लीगल रिसर्चर बनीं। 10 माह तक काम करने के बाद सिविल जज परीक्षा की तैयारी के लिए इस्तीफा दे दिया और कानपुर वापस आकर 12 घंटे नियमित अध्ययन किया।

दस माह तक दोस्तों से नहीं की मुलाकात

एकता बताती हैं कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के जस्टिस अरविंद कुमार मिश्रा और पिता का मार्गदर्शन मिला। पहले ही प्रयास में झारखंड न्यायिक सेवा परीक्षा पास कर ली। तैयारी के दौरान 10 माह तक दोस्तों से मुलाकात बंद रही। सिर्फ परीक्षा की तैयारी ही लक्ष्य था। परीक्षा की तैयारी के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया था। यहां कई ऐसे वीडियो मिल जाते हैं जो बेहद उपयोगी साबित होते हैं। मसलन-परीक्षा तैयारी से जुड़े लेक्चर, टिप्स और इंटरव्यू। एकता की मां कविता सक्सेना गृहणी हैं, बड़ी बहन अपर्णा सक्सेना नाबार्ड में लेखा अधिकारी और छोटा भाई अनुज सक्सेना सैन्य अधिकारी हैं। हाल ही में एकता ने राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) में भी सफलता हासिल की है।

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