EPFO Scam Kanpur: केस्को और बैंक में ईपीएफओ लखनऊ कार्यालय की टीम ने की जांच, कब्जे में लिए दस्तावेज
कानपुर में केस्को के संविदा कर्मियों के पीएफ घोटाले की जांच शुरू हो गई है। लखनऊ से ईपीएफओ कार्यालय की टीम ने कानपुर आकर केस्को मुख्यालय और बैंकों में जाकर पड़ताल की। यहां से कई दस्तावेज एकत्र करके टीम ले गई है।
By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Thu, 09 Sep 2021 10:49 AM (IST)
कानपुर, जेएनएन। केस्को कर्मचारियों के पीएफ घोटाले से जुड़े मामले में कर्मचारी भविष्यनिधि संगठन के लखनऊ कार्यालय ने जांच शुरू कर दी है। बुधवार को विभाग की जांच टीम के सदस्य कानपुर पहुंचे और केस्को व उन बैंकों में जाकर पड़ताल की, जहां-जहां फर्जी खाते खोले गए थे। हालांकि अभी कई बैंकों की पड़ताल बाकी है। ऐसे में माना जा रहा है कि जांच टीम को अभी और कई बार आना पड़ेगा।
दैनिक जागरण ने केस्को कर्मचारियों से जुड़े पीएफ घोटाले का पर्दाफाश 29 अगस्त के अंक में किया था। दैनिक जागरण की खबर का संज्ञान लेते हुए जब क्राइम ब्रांच ने जांच की तो सभी तथ्य सही पाए गए और मुख्य आरोपित दलाल मुकुल दुबे को गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में रोजाना कोई न कोई नया तथ्य सामने आ रहा है, जिससे पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल उन बैंकों को लेकर है, जहां बड़े पैमाने पर फर्जी खाते खोले गए। चूंकि सेवा प्रदाता कंपनी आरएमएस ने लखनऊ भविष्यनिधि कार्यालय में पीएफ जमा किया था, इसलिए जांच वहीं से की जा रह रही है।
बुधवार को ईपीएफओ लखनऊ कार्यालय की प्रवर्तन अधिकारी शोएबा किदवई के नेतृत्व में जांच टीम कानपुर पहुंची। जांच टीम पहले केस्को गई और वहां जानकारी ली। इसके बाद टीम ने करीब तीन बैंकों में जाकर वहां से जानकारियां ली। सबसे ज्यादा सवाल गुमटी नंबर 5 स्थित पंजाब एंड सिंध बैंक को लेकर उठ रहे हैं। टीम के वहां भी जाने की सूचना है। हालांकि जब प्रवर्तन अधिकारी से जांच के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया।
एफआइआर के लिए केस्को को नोटिसकेस्को में हुए दूसरे पीएफ घोटाले में संविदा कर्मचारी संगठन केस्को ने मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। संगठन के महामंत्री दिनेश सिंह भोले ने बुधवार को संगठन की ओर से राजेश शर्मा के पीएफ प्रकरण में रिपोर्ट दर्ज कराने मांग करते हुए केस्को को नोटिस भेजा है। उन्होंने बताया कि राजेश शर्मा का पीएफ राजेश यादव के खाते में जमा हो रहा था। उनके पास पुख्ता सबूत हैं कि केस्को में राजेश यादव की पत्नी कुमुद यादव की कंपनी इक्रा एजेंसी यादव द्वारा जो ईसीआर यानी इलेक्ट्रानिक चालान कम रिटर्न जमा किया गया वह फर्जी है। ऐसे में केस्को के साथ धोखाधड़ी हुई। केस्को मुख्य नियोक्ता है, ऐसे में जिम्मेदारी केस्को की है कि वह इस घोटाले में मुकदमा दर्ज कराए।
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