Etawah Lion Safari के शेर को कोई भी चार लाख एक हजार रुपये में ले सकेगा गोद, इसके लिए देना होगा प्रार्थना
चार लाख एक हजार रुपये का व्यय प्रतिवर्ष करना होगा जबकि तेंदुआ को गोद लेने के लिए एक लाख 55 हजार रुपया भालू को गोद लेने के लिए एक लाख 60 हजार रुपया हिरन व एंटी लोप को गोद लेने के लिए 50 हजार रुपया खर्च करना होगा
By Akash DwivediEdited By: Updated: Wed, 23 Dec 2020 03:37 PM (IST)
कानपुर, जेएनएन। इटावा सफारी पार्क में देश के अन्य चिडिय़ाघरों की तर्ज पर आय को बढ़ाने के लिए नया तरीका निकाला है। सफारी प्रशासन ने यहां पर रहने वाले शेरों सहित वन्य जीवों को गोद लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें कोई भी आम आदमी अपना प्रार्थना पत्र देकर शेरों सहित अन्य वन्य जीवों को गोद ले सकता है।
हर जानवर का है अलग रेट सफारी में शेर को गोद लेने के लिए चार लाख एक हजार रुपये का व्यय प्रतिवर्ष करना होगा, जबकि तेंदुआ को गोद लेने के लिए एक लाख 55 हजार रुपया, भालू को गोद लेने के लिए एक लाख 60 हजार रुपया, हिरन व एंटी लोप को गोद लेने के लिए 50 हजार रुपया खर्च करना होगा। इसके बदले में सफारी प्रशासन उन जानवरों के रहने के स्थान पर आपके नाम को प्रदर्शित करेगा साथ ही एक प्रमाण पत्र भी देगा। साल में चार बार सफारी पार्क में परिवार सहित घूमने की छूट भी दी जाएगी। इन जानवरों से मिलने की छूट भी गोद लेने वाले व्यक्ति को दी जाएगी। यह व्यवस्था अभी एक वर्ष के लिए लागू की गई है। अगर यह व्यवस्था सफल हो जाती है तो इसे आगे भी जारी रखा जा सकता है।
सफारी में रह रहा है 20 शेरों का कुनवाइटावा सफारी पार्क में इस समय 20 शेरों का कुनवा रह रहा है। इनमें दो शावक अभी हाल ही में पैदा हुए हैं। सफारी प्रशासन ने जो खर्च का आकलन किया है वो जानवरों पर प्रतिवर्ष आने वाले व्यय को देखते हुए किया गया है। शेरों के खाने पर प्रति वर्ष करीब 70 लाख रुपये, तेंदुओं पर 09 लाख रुपये, भालू पर 05 लाख रुपये व हिरन व एंटीलोप पर करीब 40 लाख रुपये का व्यय आ रहा है। सफारी प्रशासन का मानना है कि इस योजना से आय बढऩे से सफारी के अन्य कार्यों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।
इटावा सफारी पार्क में वन्य जीवबब्बर शेर : 20तेंदुआ : 07भालू : 03एंटी लोप व हिरन : 135 इनका ये है कहना सफारी पार्क में बब्बर शेर सहित वन्य जीवों को गोद लेने की प्रक्रिया शुरू की गई, कोई भी व्यक्ति एक प्रार्थना पत्र देकर धन जमा करके एक साल के लिए वन्य जीवों को गोद ले सकता है। राजीव मिश्रा, निदेशक इटावा सफारी पार्क
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