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यूरोपीय देशों को भा रही एडब्ल्यूईआइएल कानपुर की मैग गन, कारबाइन व मशीन पिस्टल, म‍िला 480 करोड़ रुपये का आर्डर

Advance Weapons Equipment India Limited कानपुर की आठ आयुध निर्माणियों की कंपनी एडवांस वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (एडब्ल्यूईआइएल) का अब यूरोपीय देशों में डंका बजेगा। कंपनी की ओर से तैयार क‍िये गए अधुन‍िक हथ‍ियारों की यूरोपीय देशों में मांग बढ़ी है। देशों ने मैग गन क्लोज क्वार्टर बैटल कारबाइन लाइट मशीन गन त्रिची असाल्ट राइफल ज्वाइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कारबाइन बेल्ट फेड लाइट मशीन गन में द‍िलचस्‍पी द‍िखाई है।

By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraUpdated: Sun, 03 Sep 2023 12:19 PM (IST)
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Advance Weapons & Equipment: कानपुर में बने आधुन‍िक हथ‍ियारों की व‍िदेश में मांग
कानपुर [विवेक मिश्र]। कभी अंग्रेजों के जरिए यूरोपीय देशों से बंदूक भारत आई थी, अब वहीं भारत यूरोपीय देशों को उन्नत हथियार निर्यात करेगा। गर्व की ये अनुभूति आठ आयुध निर्माणियों की कंपनी एडवांस वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (एडब्ल्यूईआइएल) महसूस कराएगी। कंपनी में बनने वाले मध्यम हथियार जैसे मैग गन, क्लोज क्वार्टर बैटल कारबाइन, लाइट मशीन गन, त्रिची असाल्ट राइफल, ज्वाइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कारबाइन, बेल्ट फेड लाइट मशीन गन अन्य हथियार यूरोपीय और एशियाई देशों में काफी पसंद किए जा रहे हैं।क

आठ आयुध निर्माणियों में उन्नत हथियार तैयार करने पर चल रहा अनुसंधान

इन हथियारों की मांग भी वहां से आने लगी है। कंपनी को अभी तक 480 करोड़ रुपये के निर्यात आर्डर मिल चुके हैं। कानपुर सहित अन्य शहरों में संचालित उत्पादन इकाइयों से जल्द ही आर्डर पूरा करके निर्यात शुरू किया जाएगा। फिलहाल, देश में पैरामिलेट्री फोर्स, राज्यों की पुलिस, सेना सहित दूसरे सशस्त्र बलों को इन हथियारों की आपूर्ति की जा रही है। एडब्ल्यूईआइएल के अधीन देश में विभिन्न शहरों में संचालित आठ आयुध निर्माणियों में उन्नत हथियार तैयार करने पर अनुसंधान चल रहा है।

विदेश में तीन हजार करोड़ रुपये के हथियारों का हो चुका निर्यात

वैश्विक बाजारों में भारत में निर्मित हथियार निर्यात करने पर पूरा फोकस है। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि आयुध निर्माणियों के पास निगमीकरण से पहले 4500 करोड़ रुपये का आर्डर था। जबकि निगमीकरण के बाद छह हजार करोड़ रुपये के आर्डर मिले। करीब डेढ़ साल के अंतराल में विदेश में तीन हजार करोड़ रुपये के हथियारों का निर्यात किया जा चुका है। कंपनी को आगामी छह माह में 2500 करोड़ रुपये के आर्डर मिलने की पूरी उम्मीद है।

बीएसएफ, सीआइएसएफ की पसंद बनी त्रिची असाल्ट राइफल

स्वदेशी त्रिची असाल्ट राइफल का वजन बिना मैगजीन के 3.5 किलोग्राम है। यह राइफल सिंगल, आटो, स्वचलित मोड पर चलती है। इससे प्रति मिनट मे 600 राउंड गोलियां फायर की जा सकती हैं। 890 सेंटीमीटर की लंबाई वाली इस राइफल से 300 से 800 मीटर के दायरे मे दुश्मन को ढेर किया जा सकता है। बीएसएफ और सीआइएसएफ ने भी इस राइफल का आर्डर कंपनी को दिया है। राइफल फैक्ट्री, ईशापुर से आपूर्ति भी शुरू कर दी गई है।

एडब्ल्यूईआइएल की ये हैं उत्पादन इकाइयां

फील्ड गन फैक्ट्री (कानपुर), गन एंड शेल फैक्ट्री (काशीपुर, कोलकाता), गन कैरिज फैक्ट्री (जबलपुर), आर्डनेंस फैक्ट्री कानपुर, आर्डनेंस फैक्ट्री प्रोजेक्ट (कोरवा, अमेठी), आर्डनेंस फैक्ट्री (तिरुचिरापल्ली, तमिलनाडु), राइफल फैक्ट्री (ईशापुर, पश्चिम बंगाल), स्माल आर्म्स फैक्ट्री (कानपुर)।

रक्षा क्षेत्र की कंपनी हथियारों के उत्पादन में अग्रणी बनी है। उन्नत हथियारों से लेकर टैंक के बैरल निर्यात के आर्डर मिल रहे हैं। विदेश से छोटे और मध्यम कैलिबर के हथियारों की मांग बढ़ी है। आत्मनिर्भरता की तरफ फोकस है ताकि किसी उत्पाद के लिए दूसरे देशों पर निर्भर न रहना पड़े।

राजेश चौधरी, सीएमडी, एडब्ल्यूईआइएल कंपनी

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