आखिर कहां बनी थी उम्र घटाने वाली मशीन? 40 लाख का आया था खर्च, कानपुर में करोड़ों की ठगी के बाद फूटा भांडा
कानपुर में उम्र घटाने वाली मशीन के नाम पर करोड़ों की ठगी का भंडाफोड़ हुआ है। आरोपित दंपती ने इजरायल की बताई जाने वाली मशीन को शहर में ही 40 लाख रुपये में बनवाया था। एक इंजीनियर ने दावा किया है कि उसे मशीन बनाने में छह महीने लगे। पुलिस ने जिम और संस्था के ऑफिस को सील कर दिया है। आठ सदस्यीय एसआईटी जांच कर रही है।
जागरण संवाददाता, कानपुर। ऑक्सीजन थेरेपी (Oxygen Therapy) के जरिए 65 वर्ष के बुजुर्ग को 25 साल का जवान बताकर 35 करोड़ रुपये ठगने वाले आरोपित दंपती के झूठ की पोल खुल गई। इजरायल (Fake Israeli Machine) की बताई जाने वाली मशीन शहर में ही बनवाई गई थी और इसके लिए 40 लाख रुपये की बात तय हुई थी।
एक इंजीनियर का दावा है कि उसे मशीन बनाने में करीब छह माह का समय लगा था। वह शहर और अन्य जिलों के अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट लगाता है। पुलिस जल्द उनके बयान भी दर्ज करेगी। वहीं, पूरे प्रकरण की जांच के लिए आठ सदस्यीय एसआइटी भी गठित कर दी गई है।
दो साल पहले ली थी जिम की फ्रेंचाइजी
स्वरूप नगर प्रभु महिला अपार्टमेंट निवासी जिम संचालक राजीव दुबे और उनकी पत्नी रश्मि दुबे ने एक नामचीन कंपनी की जिम की फ्रेंचाइजी ली थी। दंपती ने साकेत नगर के भवन में पहली मंजिल पर जिम खोला और दो साल पहले दूसरी मंजिल पर रिवाइवल वर्ल्ड संस्था का ऑफिस खोला।
उन्होंने इजराइल से 25 करोड़ रुपये की मशीन लाने और ऑक्सीजन थेरेपी से वृद्ध को जवान बनाने का झांसा देकर सैकड़ों लोगों के 35 करोड़ से ज्यादा हड़प लिए। स्वरूप नगर की रेनू सिंह चंदेल ने किदवई नगर थाने में 20 सितंबर को मुकदमा दर्ज कराया था।
इंजीनियर ने खोली पोल
शनिवार को शहर के एक इंजीनियर ने दंपती के दावों की पोल खोल मशीन की सच्चाई बता दी। नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर उन्होंने बताया कि उनकी वायु इंडस्ट्रीज के नाम से फर्म है। 40 लाख रुपये में मशीन बनाने की बात तय होने के बाद छह माह में उसे बना दिया। अभी भी 28.5 लाख रुपये बाकी हैं। राजीव ने एक सप्ताह में बकाया रुपये देने का वादा किया है।
एचबीओटी मशीन बनाने के किया गया काफी अध्ययन इंजीनियर ने बताया कि वह विभिन्न शहरों के अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट लगाते हैं। जिम की सदस्यता लेने के दौरान मार्च 2022 में राजीव से मुलाकात हुई थी।तब उन्होंने बताया था कि इजरायल में एक हाइपरबेरिक आक्सीजन थेरेपी (एचबीओटी) मशीन है, उसी तरह से एक मशीन उन्हें बनवानी है। इसके लिए हमने काफी अध्ययन भी किया।
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