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खूबसूरती का क्या अर्थ है..? शुगर कॉस्मेटिक्स की को-फाउंडर के इंटरव्यू में पढ़िए- ऐसे ही सवालों के जवाब

फर्स्ट डिजिटल कास्मेटिक ब्रांड शुगर कास्मेटिक्स की को-फाउंडर व सीईओ विनीता सिंह आत्मनिर्भर भारत की सोच को आगे बढ़ा रही हैं। भावी आंत्रप्रेन्योर को प्रेरित कर रहे शो शार्क टैंक में भी उन्हें प्रसारित किया जा चुका है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Thu, 17 Feb 2022 01:06 PM (IST)
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आत्मनिर्भर भारत की सोच को आगे बढ़ा रहीं विनीता सिंह।
कानपुर, [आरती तिवारी]। आत्मनिर्भर भारत की सोच को आगे बढ़ा रहे हैं देश के तमाम स्टार्टअप्स। इन्हीं आंत्रप्रेन्योर का मार्गदर्शन करने के लिए सोनी चैनल पर प्रसारित हो रहा शो शार्क टैंक भावी आंत्रप्रेन्योर को प्रेरित कर रहा है। ऐसी ही प्रेरित करने वाली यात्रा रही है वर्ष 2015 में आरंभ हुए फर्स्ट डिजिटल कास्मेटिक ब्रांड शुगर कास्मेटिक्स की को-फाउंडर व सीईओ विनीता सिंह की। भारतीय त्वचा और मौसम को ध्यान में रखकर शुरू की गई इस नई सोच और हौसले की कहानी बता रही हैैं विनीता सिंह...। 

-क्या बिजनेस के क्षेत्र में उतरना हमेशा से आपकी बकेट लिस्ट में था?

मैं हमेशा से आंत्रप्रेन्योर बनना चाहती थी, क्योंकि मुझे लगता था आंत्रप्रेन्योर ही प्रमुख तौर पर समाज में बदलाव लाते हैं। इसलिए मैं भी अपनी एक कंपनी शुरू करना चाहती थी। हालांकि ऐसा कोई लक्ष्य नहीं था कि अगले दो या तीन साल में ही कंपनी शुरू कर दूंगी, क्योंकि उस वक्त मैैं सिर्फ 24 साल की थी। हां, बिजनेस को लेकर मेरा नजरिया सकारात्मक था सो मैं उसी को लेकर प्रतिबद्ध रही और शुगर कास्मेटिक शुरू कर दिया।

-भारत में पहले से ही कई कास्मेटिक ब्रांड्स मौजूद थे। ऐसे में एक और ब्रांड के साथ आने के लिए किस हौसले ने साथ दिया?

यह बात सच है कि उस वक्त ब्रांड तो कई सारे थे, लेकिन मुझे यह एहसास हुआ कि तब कोई भी ब्रांड प्रमुख तौर पर युवा लड़कियों के लिए फोकस नहीं कर रहा था। आज आप देखें तो 60 फीसद महिलाएं 30 साल से कम उम्र की हैं। वे जिस तरह के कास्टमेटिक्स अपने लिए चाहती हैं, वह उनकी मां या उस उम्र की महिलाओं से बिल्कुल अलग हंै। वे उसके बारे में इंटरनेट मीडिया पर देखती तो थीं, मगर हमारे देश में वे उत्पाद उपलब्ध नहीं थे। तब हमने सोचा कि ई-कामर्स को एक मौके की तरह इस्तेमाल करें और एक ऐसा ब्रांड तैयार करें, जो डिजिटल फस्र्ट हो। हमने कभी नहीं सोचा था कि इस तरह हम पहले से मौजूद और प्रसिद्ध कास्मेटिक ब्रांड्स के साथ टक्कर ले पाएंगे, लेकिन आज हम भारत के टाप तीन मेकअप ब्रांड्स में से एक का सफर तय कर चुके हैं।

-डिजिटल फस्र्ट ब्रांड होने के नाते शुगर कास्मेटिक्स ने बदलाव की शुरुआत की थी। शुरुआती दौर में इंटरनेट को ताकत बनाने का विचार कैसे आया था?

शुरुआत में यह एक कठिन निर्णय था, क्योंकि हम मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन की बनी बनाई पद्धति से इतर कुछ करने का प्रयास कर रहे थे। हमने यह सोचा कि इंटरनेट में एक बड़ा बदलाव ला सकने की ताकत है, क्योंकि ई-कामर्स के जरिए कस्टमर किसी और की सलाह के बगैर अपने पसंद की चीज खुद चुन सकते हैैं। इसके अलावा देश की लड़कियां यूट्यूब और अन्य माध्यम से सीख रही थीं कि मेकअप को सही तरीके से कैसे इस्तेमाल करना है। ऐसे में हमने उसी अनुभव को मेकअप प्रोडक्ट के साथ लाने का प्रयास किया और इंटरनेट के माध्यम से बेहतर क्वालिटी के प्रोडक्ट उपलब्ध कराने पर सारा फोकस किया। इससे स्टोर टू स्टोर मार्केटिंग करने का खर्च बच गया। इंटरनेट हमारे लिए गेमचेंजर बन गया। धीरे-धीरे स्मार्टफोन और इंटरनेट की पहुंच ने हमारे उद्देश्य को बल दिया। बीते दो साल तो हमारे लिए खुशकिस्मती भरे साबित हुए।

-आज पुरुष भी अपनी खूबसूरती का खास खयाल रखते हैं। कई ऐसे माडल हैं, जो बोल्ड मेकअप के साथ बदलाव को दिशा दे रहे हैं। क्या ऐसे में पुरुषों के लिए विशेष तौर पर मेकअप रेंज लाने के बारे में सोचा है?

यह वाकई एक अच्छी बात है कि अब पुरुष मेकअप जगत में एक कदम आगे बढ़कर हैवी मेकअप अपना रहे हैं। फिर भी हमारे लिए चैलेंज यही है कि अभी भी पुरुषों की एक बड़ी संख्या इस बात को साझा करने में कतराती है कि वे अपनी स्किन केयर को लेकर कोई प्रोडक्ट इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि इस सिनेरियो में बदलाव आने में अधिक से अधिक दो-तीन साल और लगेंगे। मेकअप को लेकर पुरुषों की पसंद और चुनाव के मामले में अभी भी संदेह की स्थिति है। बाकी जब सही वक्त होगा तो हम खास तौर पर पुरुषों के लिए मेकअप रेंज जरूर लाएंगे।

-अपनी जर्नी को दिमाग में दोहराने के बाद शार्क होने के नाते नए आंत्रप्रेन्योर के लिए क्या संदेश देना चाहेंगी?

किसी भी काम को लेकर ज्यादा आब्सेस्ड मत हो जाइए। धैर्य बरतते हुए अपने काम में आगे बढि़ए। आज यूनिकार्न या उससे भी आगे जाने की होड़ मची हुई है। यह चर्चा हमें हमारे काम से विमुख कर देती है। ऐसे में ग्राहकों तक अपना विचार पहुंचाने को लेकर सतत रहिए। किसी पहले से स्थापित स्टार्टअप को पछाडऩे में आपका फोकस नहीं होना चाहिए। इसके अलावा ऐसा नहीं है कि आप कुछ अलग करेंगे तो उसे कोई स्वीकार नहीं करेगा। शार्क टैंक में मैंने इसी बात पर सबसे ज्यादा फोकस किया कि मैं हर यूनीक स्टार्टअप को प्रेरित करूं। किसी को यह तय मत करने दीजिए कि आप आंत्रप्रेन्योर बन सकते हैं या नहीं। निर्णय करें और आगे बढ़ें।

-आपके लिए खूबसूरती का क्या अर्थ है?

हर किसी के लिए खूबसूरती का अलग अर्थ है। मेरे खयाल से खूबसूरती की कोई सुनिश्चित परिभाषा नहीं है। मेरे लिए आत्मविश्वासी होना ही खूबसूरती है। मेरा मानना है कि महिलाएं जब मेकअप लगाती हैं तो खुद को और भी ज्यादा आत्मविश्वासी महसूस करती हैं। खुद को लेकर अच्छा महसूस करना आपकी खूबसूरती में चार चांद लगा देता है।

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