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जेल का फाइव स्टार खाना, FSSAI से प्रमाण पत्र पाने वाली फतेहगढ़ जिला कारागार में बंदियों के लिए खास है मीनू

यूपी में पहली बार किसी जेल के खाने को फाइव स्टार रेटिंग दी है जिसका प्रमाण पत्र एफएसएसएआई ने फतेहगढ़ जिला कारागार को दिया है। आइए जानते हैं कि यहां की व्यवस्थाएं कैसी हैं और क्या मीनू तय है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Sat, 03 Sep 2022 07:11 AM (IST)
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फतेहगढ़ जिला कारागार में फाइव स्टार रेटिंग का खाना।

फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता। चारों ओर टाइल लगी पाकशाला में एक ओर डो-मेकिंग मशीन में आटा गूंथा जा रहा है। तो दूसरी ओर आटोमेटिक (स्वचालित) मशीन से गोल-गोल रोटियां निर्धारित अंतराल पर अपने आप निकल कर कनवेयर बेल्ट से गुजर कर नीचे सिक कर निकल रहीं है। इन मशीनों को एप्रिन, ग्लव्ज और मास्क पहने लोग आपरेट कर रहे हैं।

यह नजारा देखकर अनायास किसी बड़े होटल में होने का एहसास होना लाजिमी है। हालांकि चौंकिए नहीं यह फतेहगढ़ जिला जेल का रसोईघर है। यही कारण है कि फतेहगढ़ जिला कारागार प्रदेश की पहली ऐसी जिला जेल बन गई है, जिसको बेहतर खाना देने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से पांच-सितारा रेटिंग दी गई है।

जेल में पसीने से लत-पत कैदियों द्वारा आंटा गूंथने और रोटी बनाने की कल्पना से कोसों दूर आज जिला जेल में लगभग स्वचलित पाकशाला संचालित है। हालांकि जेल की पाकशाला में आटोमेटिक मशीनों से खाना बनने की शुरुआत लगभग दो वर्ष पूर्व हो गई थी, लेकिन इसके लिए बाकायदा प्रमाणीकरण को आवेदन नहीं किया गया था।

नए जेल अधीक्षक बीएस मुकुंद ने पाकशाला की व्यवस्था को और निखारा। बंदियों को बाकायदा एप्रिन, ग्लव्ज, मास्क और कैप आदि उपलब्ध कराईं। इसके बाद उन्होंने विगत वर्ष भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) में प्रमाणीकरण के लिए आवेदन किया।

इसके बाद एफएसएसएआइ की ओर से एक थर्ड-पार्टी निरीक्षण कराया गया। दिल्ली से आई टीम ने जिला जेल की पाकशाला का निरीक्षण किया और भोजन की गुणवत्ता के लिए पांच सितारा रेटिंग जारी की।विगत सोमवार को जिलाधिकारी ने एफएसएसएआइ की ओर से जारी ‘ईट राइट’ प्रमाणपत्र जेल अधीक्षक को सौंपा।

जेल अधीक्षक बीएस मुकुंद ने बताया कि कारागार में लगभग एक हजार से अधिक बंदी रहते हैं। इतने कैदियों के लिए दोनों समय प्रतिदिन स्वच्छ और पौष्टिक भोजन बनाना अपने आप में एक बड़ा काम है। इसमें संसाधनों का सही उपयोग और सभी का प्रयास शामिल है।

प्रदेश में फाइव-स्टार रेटिंग पाने वाली पहली जिला जेल के तौर पर पहचान बनाना जिला कारागार फतेहगढ़ के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। मशीनों के इस्तेमाल से खाना बनाने में लगने वाला श्रम और समय दोनों की मात्रा कम हो गई है।

सेंट्रल जेल को वर्ष 2010 में मिल चुका प्रमाणपत्र : केंद्रीय कारागार फतेहगढ़ के प्रभारी वरिष्ठ अधीक्षक बद्री प्रसाद सागर ने बताया कि उनके यहां वर्ष 2010 से ही स्वचलित पाकशाला संचालित है। उनको प्रमाणपत्र भी मिल चुका है।

यह रहता है भोजन का मैन्यू

सामान्य दिनों में जिला जेल के कैदियों को सब्जी-दाल और रोटी दी जाती है। प्रति सप्ताह गुरुवार व रविवार को दोपहर में सब्जी, दाल के साथ चावल दिए जाते हैं। वहीं माह के पहले और तीसरे और अंतिम रविवार की शाम को पूरी-सब्जी और हलवा दिया जाता है।