कोहरे ने बिगाड़ी ट्रेनों की चाल, शताब्दी, श्रमशक्ति, हमसफर, ब्रह्मपुत्र समेत दिल्ली से आने वाली कई लेट
कोहरे के हालात इस कदर हैं कि सुबह 10 बजे तक दृश्यता नहीं के बराबर रहती है जिसके चलते 100 की स्पीड से दौडऩे वाली शताब्दी श्रमशक्ति जैसी ट्रेनों को भी 20 से 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने की मजबूरी है
कानपुर, जेएनएन। ट्रेनों के देरी से गंतव्य पर पहुंचने का गुरुवार से शुरू हुआ सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है। शताब्दी, श्रमशक्ति, हमसफर, ब्रह्मपुत्र, कालका, ऊंचाहार समेत दिल्ली से आने वाली सभी ट्रेनें देरी से सेंट्रल पहुंच रही हैैं। शुक्रवार 32 ट्रेनें देरी से सेंट्रल पहुंचीं। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक दो सौ से ज्यादा यात्रियों ने आरक्षित टिकट निरस्त कराकर रिफंड ले लिया है। आरक्षण के समय अन्य ट्रेनों का विकल्प भरने वाले 210 यात्रियों को दूसरी ट्रेन से जाने की अनुमति दी गई। अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली में पिछले दो दिनों से घना कोहरा हो रहा है। कोहरे के हालात इस कदर हैं कि सुबह 10 बजे तक दृश्यता नहीं के बराबर रहती है, जिसके चलते 100 की स्पीड से दौडऩे वाली शताब्दी, श्रमशक्ति जैसी ट्रेनों को भी 20 से 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने की मजबूरी है।
यह ट्रेनेें विलंब से पहुंची सेंट्रल स्टेशन
नई दिल्ली से लखनऊ जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस सुबह 1:30 बजे आयी।
नई दिल्ली से बनारस जाने वाली सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत 12:45 पहुंची।
कालका से हावड़ा जाने वाली कालका एक्सप्रेस दोपहर शाम 4:30 बजे आयी।
दिल्ली से डिब्रूगढ़ जाने वाली ब्रह्मïपुत्र एक्सप्रेस सुबह 9:15 बजे आयी।
चंडीगढ़ से ऊंचाहार जाने वाली ऊंचाहार एक्सप्रेस सुबह 7:40 बजे पहुंची।
यात्रियों ने बयां किये दर्द
परिवार के साथ हावड़ा जाना था। पिछले दो घंटे से लगातार देरी का समय बढ़ता जा रहा है। सर्दी में दिक्कत बढ़ जाती है।
आदित्य द्विवेदी
वंदे भारत से दिल्ली जाना है। पहले एक घंटा देरी से ट्रेन के आने की सूचना प्रसारित की गई। फिर समय बढ़ गया।
अमन सिंह
कालका एक्सप्रेस का इंतजार कर रहे हैं। ट्रेन आधा घंटा लेट बतायी जा रही थी। आधा घंटा जाने कब बीत गया।असदुल हक
हावड़ा जाना है, कालका एक्सप्रेस का इंतजार कर रह हैं। जब ट्रेनें फंसी हैं तो यहां अलाव की व्यवस्था करनी चाहिए।
राजाराम