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Winter In UP: कानपुर में सर्दी से चार मौतें, हार्ट अटैक से तीन एवं ब्रेन स्ट्रोक से एक

यूपी सर्दी कहर बरपा रही है। एक ओर घने कोहरे के चलते आपस में वाहन टकराने से रोज कई लोग घायल हो रहे हैं वहीं अब कानपुर में ठंड से लोगों की मौत हो रही है। मंगलवार को चार लोगों की ठंड के चलते मौत हो गई।

By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraUpdated: Wed, 21 Dec 2022 12:00 PM (IST)
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Winter In Kanpur : हैलट अस्‍पताल कानपुर (फाइल)
कानपुर, जागरण संवाददाता। कड़ाके की सर्दी के साथ शीतलहर अब दिल और दिमाग के मरीजों पर कहर बरपा रही है।दिल के पुराने मरीज, हाइपरटेंशन व मधुमेह पीड़ित हार्ट फेल्योर और ब्रेन स्ट्रोक की चपेट में आकर गंभीर स्थिति में अस्पताल पहुंचने लगे हैं।मंगलवार को लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान में हार्ट अटैक से तीन बुजुर्गों और एलएलआर अस्पताल में ब्रेन स्ट्रोक से एक महिला ने दम तोड़ दिया। मंगलवार को एलएलआर अस्पताल में ब्रेन स्ट्रोक की चपेट में आए 13 मरीज भर्ती हुए।

सर्दी से मौतों ने बढ़ाई स्‍वास्‍थ्‍य व‍िभाग की च‍िंता

हृदय रोग संस्थान की इमरजेंसी में हार्ट अटैक व हार्ट फेल्योर के 22 मरीज भर्ती हुए हैं। हृदय रोग संस्थान में जालौन के कुठौंद निवासी 75 वर्षीय महावीर शरण गुप्ता ने इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफ यानी ईसीजी करते-करते दम तोड़ दिया। उन्हें सुबह सीने में दर्द के साथ पसीना आया था।स्वजन उन्हें डाक्टर के साथ हृदय रोग संस्थान लेकर थे, लेकिन इलाज शुरू होने से पहले ही ईसीजी टेबल पर दमतोड़ दिया। इसी तरह घाटमपुर निवासी 59 वर्षीय सरोजनी देवी और इसी क्षेत्र के 55 वर्षीय हरिओम ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वहीं, चकेरी क्षेत्र की 75 वर्षीय सितारा देवी भोर में सिर में भीषण दर्द की शिकायत करते हुए बेहोश हो गईं। स्वजन उन्हें पहले कांशीराम अस्पताल लेकर गए, वहां से उनकी स्थिति को देखते हुए एलएलआर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया, ले जाते समय रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। एलएलआर में डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

सर्दी बढ़ने के साथ ही दिल के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। मंगलवार को ओपीडी में 913 मरीज देखे गए। इमरजेंसी में देर शाम तक 22 गंभीर मरीजों को भर्ती किया गया है।रे जीडेंट की ड्यूटी 24 घंटे लगा दी गई है।इमरजेंसी की सभी दवाएं भी उपलब्ध करा दी हैं।- प्रो. विनय कृष्णा, निदेशक, लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान। अचानक गर्मी से सर्दी में बाहर निकालने से अनियंत्रित ब्लड प्रेशर और मधुमेह पीड़ित ब्रेन स्ट्रोक की चपेट में आ रहे हैं। मेडिसिन ओपीडी में हाइपरटेंशन व मधुमेह के मरीज अधिक पहुंच रहे हैं, उसमें ब्रेन स्ट्रोक के भी हैं। देर शाम तक 13 ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को इमरजेंसी में भर्ती किया गया है।स्ट्रोक यूनिट में भी अलग से जेआर तैनात किए हैं।

प्रो. संजय काला, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कालेज

यह बरतें एहतियात

  • मधुमेह और उच्चरक्त चाप की नियमित मानीटरिंग करें।
  • अचानक कमरे से सर्दी में बाहर न निकलें।
  • धूप निकलने पर अच्छी तरह कपड़े पहन कर सैर को जाएं।
  • खानपान में पूरा संयम बरतें, तला-भुना न खाएं।
  • घर पर नियमित आधा घंटा व्यायाम जरूर करें।
  • दिल व दिमाग के पुराने मरीज डाक्टर को जरूर दिखाएं।
  • सर्दी में नसें सिकुड़ने से दिक्कत होती है, दवा की डोज बढ़ाव लें।

ऐसे होती है समस्या

उप प्राचार्य प्रो. रिचा गिरि का कहना है कि अनियंत्रित मधुमेह और ब्लड प्रेशर से पीड़ितों की रक्त वाहनियां कमजोर हो जाती हैं। वहीं, सर्दी के मौसम में नसें सिकुड जाती हैं, जिससे हार्ट को शरीर के हर अंग तक रक्त संचार करने के लिए अतिरिक्त पंपिंग करनी पड़ती है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। नसें पहले से कमजोर रहती हैं, जिससे सिर की नसों में रिसाव व फट जाती हैं। इस स्थिति को ही ब्रेन स्ट्रोक और ब्रेन हेमरेज कहते हैं। जब हार्ट को पंपिंग अधिक करनी पड़ती है तो हार्ट में भी खून का धक्का जमने लगता है, जिससे हार्ट फेल्योर और हार्ट की मांसपेशियां फैलने का खतरा रहता है।

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