उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में कालपी बस स्टैंड पर खड़ी स्लीपर बस में शराब के नशे में धुत चार यात्रियों ने चालक और परिचालक के साथ मारपीट की। इसके बाद इनमें से एक युवक चालक को उसकी सीट से हटाकर खुद बस भगाने लगा। अन्य यात्रियों के चिल्लाने पर पुलिसकर्मियों ने पीछा कर बस को जिला अस्पताल के पास रुकवा लिया और आरोपित चार यात्रियों को पकड़ लिया।
जागरण संवाददाता, उरई। कालपी बस स्टैंड पर खड़ी स्लीपर बस में शराब के नशे में धुत चार यात्रियों ने चालक और परिचालक के साथ मारपीट की। इसके बाद इनमें से एक युवक चालक को उसकी सीट से हटाकर खुद बस भगाने लगा। अन्य यात्रियों के चिल्लाने पर पुलिसकर्मियों ने पीछा कर बस को जिला अस्पताल के पास रुकवा लिया और आरोपित चार यात्रियों को पकड़ लिया। बस के अन्य यात्रियों ने चारों युवकों पर बस को अगवा करने के प्रयास का आरोप लगाया है।
कानपुर से मां वैष्णो ट्रैवल्स की स्लीपर बस अहमदाबाद जा रही थी। बस में कानपुर के फजलगंज से रायबरेली के थाना महाराजगंज के बालीपुर निवासी सुनील कुमार, नसीराबाद के विवेक सिंह, अमाबा के लवकुश व मोहनगंज के धर्मेंद्र सिंह सवार हुए थे। नशे में धुत चारों यात्री टिफिन की डिलेवरी का काम करते हैं। जब बस उरई कोतवाली क्षेत्र के कालपी बस स्टैंड के पास पहुंची तभी कंडक्टर सवारियों को उतारने और बैठाने लगा। चारों यात्रियों के लिए सीटें बुक थीं।
चालक ने फजलगंज से ही उनकी सीट पर एक अतिरिक्त यात्री बैठा दिया था। कालपी बस स्टैंड से एक यात्री को और उनकी सीट पर बैठाया जा रहा था। चालक ने चारों यात्रियों से कहा कि कंपनी की बसों का चालान हुआ है जिस कारण बसें घाटे में चल रही हैं। चार सीटों पर छह यात्री बैठकर जाएंगे तभी उनके नुकसान भी भरपाई हो सकेगी। इसी बात को लेकर यात्रियों व बस चालक में कहासुनी हो गई।
चारों यात्रियों ने कहा कि जब उन्होंने चार हजार रुपये में सीटें बुक की हैं तो ज्यादा यात्री अपनी सीटों पर क्यों बैठाएं। इसी विवाद को लेकर चारों ने कंडक्टर और चालक के साथ हाथापाई कर दी। इतना ही नहीं चालक को सीट से हटाकर खुद गाड़ी ड्राइव करने लगे और तेज रफ्तार से बस को भगा दिया। यह देख यात्रियों ने शोर मचाया। शोर सुनकर पुलिस की जीप ने बस को जिला अस्पताल के पास रुकवाया। पूछताछ करने पर यात्रियों ने पूरी घटना बताई। पुलिस ने चारों युवकों को पकड़ लिया और उन्हें कोतवाली ले आई।
सीओ गिरजा शंकर त्रिपाठी ने बताया कि
बस में सीट पर ज्यादा यात्री बैठाने को लेकर विवाद हुआ था। चारों यात्रियों का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया जिसमें वह नशे की हालत में मिले। बस को यात्रियों समेत गंतव्य के लिए रवाना कर दिया गया है।
कोतवाल अजय ब्रह्म तिवारी ने बताया कि
कोई शिकायती पत्र न मिलने पर चारों का शांतिभंग में चालान किया गया। कोर्ट से चारों को जमानत पर छोड़ दिया गया है। उधर, शहर के कालपी बस स्टैंड के पास खुले मां वैष्णो ट्रैवल्स के कार्यालय के संचालक ने बस चालक व कंडक्टर का नाम बताने से इन्कार कर दिया। शहर के अंदर बसों में सवारियां भरने पर रोक है, लेकिन प्राइवेट बसें नियमों की धज्जियां उड़ा रही हैं।
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