आयुष्मान भारत योजना में लाभार्थी 43 लाख गोल्डेन कार्ड बने सिर्फ 10 लाख
योजना के तहत बीमार व्यक्ति का इलाज उन अस्पतालों में भी होगा जो योजना में पंजीकृत हैं। कानपुर मंडल में कुल 5229 ग्राम पंचायते हैं। जिनमें से लाभार्थी परिवारों की संख्या 864731 है। इन परिवारों के ही 4320685 सदस्यों को योजना का लाभ मिलना है।
By Akash DwivediEdited By: Updated: Wed, 08 Sep 2021 04:21 PM (IST)
कानपुर, जेएनएन। आयुष्मान भारत (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना) योजना की हालत बहुत ही खराब है। योजना में कहने के लिए कानपुर मंडल के छह जिलों में 4320685 लाभार्थी पंजीकृत हैं लेकिन होल्डन कार्ड सिर्फ 104886 के ही बने हैं। यह स्थिति तब है जब हर व्यक्ति को मुफ्त इलाज के लिए केंद्र और राज्य सरकार तमाम कोशिशें कर। यह बात शासन को भेजी गई रिपोर्ट में सामने आई है।
आयुष्मान भारत योजना से आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के पांच सदस्यों का पांच लाख रुपये तक का उपचार किया जाता है। योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी का गोल्डन कार्ड बनवाया जाता है और इसकी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की है, लेकिन विभागीय अफसर इस कार्य में लापरवाही कर रहे हैं। ऐसे में मुफ्त इलाज देने का सपना साकार होता नहीं दिख रहा है।योजना के तहत बीमार व्यक्ति का इलाज उन अस्पतालों में भी होगा जो योजना में पंजीकृत हैं। कानपुर मंडल में कुल 5229 ग्राम पंचायते हैं। जिनमें से लाभार्थी परिवारों की संख्या 864731 है। इन परिवारों के ही 4320685 सदस्यों को योजना का लाभ मिलना है। चौकाने वाली बात यह है कि इस योजना की समीक्षा हर माह डीएम, मण्डलायुक्त और मुख्य सचिव करते हैं फिर भी कार्ड नहीं बन पा रहे हैं। 1048886 लाभार्थियों के ही गोल्डन कार्ड बने हैं जो कुल लाभाॢथयों की संख्या के मात्र 24.28 फीसद है। 53.31 फीसद परिवार ऐसे हैं जिनमे एक भी लाभार्थी का गोल्डन कार्ड नहीं बना है। अब सवाल यह है कि जब गोल्डन कार्ड ही नहीं बना है तो उपचार कैसे होगा। एक बार फिर डेंगू, मलेरिया, वायरल बुखार से लोगों की मौतें हो रही हैं। अगर योजना का कार्ड होता तो आसानी से लोगों का उपचार भी निश्शुल्क हो जाता। मंडलायुक्त डाक्टर राजशेखर ने मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से तेजी से कार्ड बनवाने के लिए कहा है।
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