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सीएसजेएमयू कानपुर : संजोए है 57 साल का स्वर्णिम इतिहास, पढ़िए- अबतक का खास सफर

छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय पहले कानपुर विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता था। नौ फरवरी को विश्वविद्यालय का 57वां स्थापना दिवस मनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। यहां से संबद्ध डीएवी कालेज से राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द और पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी पढ़ाई कर चुके हैं।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Fri, 04 Feb 2022 09:47 AM (IST)
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विश्वविद्यालय अपना 57वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) आसपास के जिलों के छात्रों के लिए शिक्षा का बड़ा केंद्र है। यहां के पूर्व छात्रों ने देश ही नहीं पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द भी विश्वविद्यालय से जुड़े डीएवी कालेज के छात्र रहे। राजनीति, शिक्षा, व्यवसाय, सिनेमा, रंगमंच, विज्ञान, रक्षा आदि क्षेत्रों में भी विवि के छात्रों ने परचम लहराया। विश्वविद्यालय नौ फरवरी को अपना 57वां स्थापना दिवस मनाएगा। ऐसे में हम आपको रूबरू कराते हैं इसके स्वर्णिम इतिहास से।

सीएसजेएमयू (पहले कानपुर विश्वविद्यालय) की स्थापना से पहले यहां के तमाम महाविद्यालय आगरा विवि से संबद्ध थे। वर्ष 1949 में राधा कृष्णन आयोग ने आगरा विश्वविद्यालय पर दबाव कम करने के उद्देश्य से कानपुर में विश्वविद्यालय की स्थापना का सुझाव दिया था। इसी मांग को पूरा करने के लिए वर्ष 1966 में प्रदेश सरकार ने कानपुर विश्वविद्यालय की स्थापना अधिनियम के माध्यम से की थी। तब पार्वती बागला रोड स्थित एक छोटे से मकान में इसके दफ्तर की स्थापना हुई थी। इसके बाद यही दफ्तर सर्वोदय नगर में स्थानांतरित हुआ। वर्ष 1973 में कल्याणपुर स्थित कैंपस बना। कानपुर विश्वविद्यालय का नाम बसपा सरकार के दौरान बदलकर छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय रख दिया गया था।

स्थापना के बाद से लगातार हुई प्रगति : विवि ने संबद्ध कालेजों की संख्या, विविधीकरण और पाठ्यक्रमों की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि की। आज विवि सात जिलों में मौजूद करीब सात सौ महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं को कला, वाणिज्य, विज्ञान, शिक्षा, कानून, कृषि, चिकित्सा, आयुर्वेदिक व यूनानी शिक्षा, इंजीनियङ्क्षरग व प्रौद्योगिकी, व्यवसाय प्रबंधन, जीवन विज्ञान समेत तमाम विषयों में स्नातक, स्नातकोत्तर व पीएचडी जैसे कोर्स करा रहा है। हर वर्ष करीब सात लाख छात्र-छात्राएं अध्ययन करते हैं। विवि में कालेज विकास परिषद की भी स्थापना की जा चुकी है। वर्तमान में विवि परिसर 264 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ है। हाल ही में विवि ने स्टार्टअप और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए इन्क्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर और प्लेसमेंट सेंटर की भी स्थापना की है।

कई बड़ी शख्सियतों ने यहां से की पढ़ाई : विश्वविद्यालय की एल्युमिनाइ एसोसिएशन के सचिव डा. सिधांशु राय के अनुसार विवि से संबद्ध डीएवी कालेज से ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और साहित्यकार गोपाल दास नीरज ने भी शिक्षा ली थी। वहीं राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एलएसए) अजित डोभाल, एडमिरल विष्णु भागवत, फिल्म निर्देशक डेविड धवन, सेंट्रल विजिलेंस कमिश्नर संजय कोठारी, गायक अभिजीत, क्रिकेटर मोहम्मद कैफ आदि ने शिक्षा ग्रहण की है। एल्युमिनाइ एसोसिएशन के आमंत्रण पर पहली बार वर्ष 2019 में राष्ट्रपति विवि परिसर में आए थे।

पूर्व कुलपति प्रो. कटियार ने शुरू कराए प्रोफेशनल्स कोर्स : विश्वविद्यालय में शिक्षण व्यवस्था को बेहतर बनाने का श्रेय पूर्व कुलपति प्रो. सर्वज्ञ ङ्क्षसह कटियार को जाता है। वर्ष 1994 में उन्होंने विवि में अत्याधुनिक बीटेक, एमबीए, बीएड समेत 30 से ज्यादा प्रोफेशनल्स व जरूरी कोर्सों की शुरुआत कराई थी। साथ ही एक के बाद एक कई नए विभागों व प्रयोगशालाओं की स्थापना कराई। इसी वजह से प्रो. कटियार को वर्ष 2003 में पद्मश्री और फिर वर्ष 2009 में पद्मभूषण के सम्मान से अलंकृत किया गया था।

स्थापना दिवस पर रोपे जाएंगे 570 पौधे : छत्रपति शाहूजी महाराज विवि का 57वां स्थापना दिवस नौ फरवरी को मनाया जाएगा। इसके तैयारी शुरू हो गई है। कुलपति प्रो. विनय पाठक के निर्देश इस दिन करीब 570 पौधे रोपने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। साथ ही यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी में शैक्षिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। कई सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सम्मानित भी किया जाएगा।

वेबिनार में जुड़ेंगे पुराने कुलपति व शिक्षक : स्थापना दिवस पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आधारित एक वेबिनार का आयोजन कराया जाएगा। संस्थान के अधिकारियों ने बताया कि इस मौके पर विवि के पूर्व कुलपति, पूर्व शिक्षकों के साथ ही पूर्व छात्र-छात्राओं को भी आनलाइन जोडऩे पर विचार किया जा रहा है। वेबिनार में नई शिक्षा नीति के संबंध में विद्यार्थियों व शिक्षकों के सहयोग पर भी चर्चा होगी। साथ ही विवि के साथ ही महाविद्यालयों में भी स्टार्टअप शुरू कराने पर बात की जाएगी।

विश्वविद्यालय से जुड़ी खास बातें

1966 में हुई थी विश्वविद्यालय की स्थापना, तब इसका नाम कानपुर विश्वविद्यालय रखा गया था।

1973 में कल्याणपुर स्थित कैंपस का हुआ निर्माण ।

264 एकड़ में ग्रांड ट्रंक रोड (जीटी रोड) किनारे बना है विश्वविद्यालय।

07 लाख छात्र-छात्राएं हर वर्ष यहां और इससे जुड़े महाविद्यालयों में करते हैं अध्ययन।

1994 में विश्वविद्यालय में शुरू हुए थे बीटेक, एमबीए, बीएड समेत 30 से ज्यादा प्रोफेशनल्स व जरूरी कोर्स।

विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. सर्वज्ञ सिंह कटियार को वर्ष 2003 में पद्मश्री और वर्ष 2009 में मिला था पद्म भूषण सम्मान।

-नौ फरवरी को स्थापना दिवस पर तमाम शैक्षणिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। विवि में पौधरोपण के साथ ही यहां अपना अमूल्य योगदान देने वाले पूर्व शिक्षकों व कर्मचारियों को भी सम्मानित किया जाएगा। -प्रो. विनय कुमार पाठक, कुलपति

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