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यूपी के इस जिले में यह क्या हुआ? आधे शहर में बरसा पानी, आधे में खिली तेज धूप; दो से तीन दिन ऐसा ही रहेगा मौसम

कानपुर में शहर के अलग-अलग हिस्सों में पानी बरस रहा है। गुरुवार को कानपुर में नौबस्ता से लेकर चकेरी तक पानी बरसा लेकिन अन्य हिस्सों में तेज धूप का मौसम रहा। इससे उमस वाली गर्मी लोगों ने महसूस की है। वर्षा के दौरान जमीन के अंदर से गर्म भाप बाहर निकलती है। इससे उमस वाली गर्मी अपना असर दिखाती है।

By akhilesh tiwari Edited By: Aysha Sheikh Updated: Fri, 12 Jul 2024 03:48 PM (IST)
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कानपुर में आधे शहर में बरसा पानी, आधा रहा सूखा - प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, कानपुर। शहर के आधे हिस्से में गुरुवार की सुबह तेज बरसात होने से चकेरी एयरफोर्स स्टेशन पर 41 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार शहर के अलग-अलग हिस्सों में वर्षा हो रही है और यह दौर अगले दो से तीन दिन तक बना रह सकता है।

गुरुवार को शहर में हल्की और लगातार वर्षा होने के बजाय एक साथ तेज वर्षा का दौर देखा गया। इससे दिन का अधिकतम तापमान भी सामान्य से 1.9 डिग्री बढ़कर 37 डिग्री पर पहुंच गया। रात का न्यूनतम तापमान भी 27 डिग्री रहा। मौसम विज्ञानी डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि मानसून की अक्षय रेखा बुंदेलखंड के दक्षिणी हिस्से से होकर गुजर रही है।

इससे वर्षा का सिलसिला तो बना हुआ है लेकिन खंड वर्षा हो रही है। गर्मी बढ़ने के साथ जहां भी बादलों का समूह बन रहा है वहां बरसात शुरू हो जाती है। गुरुवार को कानपुर में नौबस्ता से लेकर चकेरी तक पानी बरसा लेकिन अन्य हिस्सों में तेज धूप का मौसम रहा। इससे उमस वाली गर्मी लोगों ने महसूस की है। वर्षा के दौरान जमीन के अंदर से गर्म भाप बाहर निकलती है। इससे उमस वाली गर्मी अपना असर दिखाती है।

इसलिए गिरती है बिजली

गुरुवार को शिवाला मंदिर पर बिजली गिरने के बारे में डा. पांडेय ने बताया कि वर्षा के मौसम में बादलों में बर्फ के बड़े क्रिस्टल बन जाते हैं। जमीन से उठने वाली गर्म हवा जब इन क्रिस्टलों के संपर्क में आती है तो बादलों में ऋणात्मक और धनात्मक पार्टिकल बन जाते हैं। इसकी वजह से बड़े क्रिस्टल टूटते हैं और इस चार्ज की वजह से बिजली गिरती है।

आकाश में जब बिजली पैदा होती है बादलों के बीच जो जगह होती है वहां ये बिजली की धारा बहने लगती है। इससे बडे स्तर पर चमक पैदा होती है। इस दौरान करोड़ों वायु कणों के आपस में टकराने से गर्जना होती है। बिजली का चमकना और गड़गड़ाहट साथ ही होती है लेकिन बिजली की चमक पहले नजर आती है। इसकी वजह प्रकाश की गति ध्वनि से बहुत ज्यादा तेज होती है।

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