हालमार्क जेवर बेचने को 40 लाख से नीचे वाले भी कराएं पंजीयन, इस बात पर बीआइएस जब्त कर सकता जेवर
16 जून को जब हालमार्क अनिवार्य किया गया तो उस समय 40 लाख रुपये से कम का वाॢषक कारोबार करने वाले सराफा व्यापारियों को हालमार्क में पंजीयन की अनिवार्यता से राहत दी गई थी। इसके चलते बहुत से कारोबारी पंजीयन नहीं करा रहे हैं।
By Akash DwivediEdited By: Updated: Tue, 31 Aug 2021 10:44 AM (IST)
कानपुर, जेएनएन। कोयंबटूर की झुमकी, राजकोट का सुई-धागा (बुंदे का एक प्रकार), दिल्ली व मुंबई की चेन और हालमार्क लागू करने वाले 256 शहरों से जेवर खरीद कर बेचते हैं तो हालमार्क पंजीयन कराना ही होगा। भले ही वाॢषक कारोबार 40 लाख रुपये से कम हो। ऐसा न करने पर ब्यूरो आफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआइएस) कार्रवाई कर आपकी दुकान के सारे जेवर जब्त कर सकता है।
16 जून को जब हालमार्क अनिवार्य किया गया तो उस समय 40 लाख रुपये से कम का वाॢषक कारोबार करने वाले सराफा व्यापारियों को हालमार्क में पंजीयन की अनिवार्यता से राहत दी गई थी। इसके चलते बहुत से कारोबारी पंजीयन नहीं करा रहे हैं। वहीं, वरिष्ठ सराफा कारोबारियों का कहना है कि ऐसे सर्राफ का 40 लाख से टर्नओवर कम जरूर है, लेकिन दुकानों में कोयंबटूर की झुमकी, राजकोट के सुई धागे की मांग बहुत होती है। दिल्ली व मुंबई में बनने वाली सोने की चेन भी दुकानों में खूब बिकती हैं। ये जेवर 40 लाख से कम वाॢषक टर्नओवर वाले दुकानदार भी बेचते हैं, लेकिन इनकी अगर किसी ने शिकायत कर दी तो बीआइएस कार्रवाई कर सारे जेवर जब्त कर लेगा। आल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन के अध्यक्ष पंकज अरोड़ा के मुताबिक जो कारोबारी 40 लाख से नीचे का वाॢषक कारोबार करते हैं तो उन्हेंं भी पंजीयन कराना चाहिए क्योंकि कभी भी ग्राहक उनके यहां इनकी मांग कर सकता है। ऐसे में पड़ोसी की दुकान से वे जेवर लेकर भी नहीं बेच सकेंगे। जेवर में कोई गड़बड़ी होने पर ग्राहक ने शिकायत की तो बिना पंजीयन हालमार्क का जेवर बेचने के आरोप में उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
हालमार्क से जुड़े आंकड़े
- 5794 पंजीकृत कारोबारी उप्र में।
- 63 हालमार्क केंद्र उप्र में।
- 714 पंजीकृत कारोबारी कानपुर में।
- 04 हालमार्क केंद्र कानपुर में।
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