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अगर 31 मार्च तक लेटर आफ अंडरटेकिंग के लिए नहीं किया आवेदन, तो निर्यात करने से पहले करना होगा भुगतान; जानें कैसे फाइल करें एलयूटी

निर्यातकों को माल निर्यात करते समय टैक्स का भुगतान पहले से करना होता है। इससे उनकी धनराशि फंस जाती है। इससे बचने का विकल्प एलयूटी है। यह सुविधा वित्त वर्ष के हिसाब से मिलती है। एक अप्रैल 2024 से निर्यात करने के लिए 31 मार्च तक जीएसटी पोर्टल पर इसे अपलोड करना होगा। इसमें अपना जीएसटी पंजीयन नंबर बैंक खाता आदि जानकारियां देनी हैं।

By Jagran News Edited By: Riya Pandey Updated: Sun, 17 Mar 2024 10:05 PM (IST)
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31 मार्च तक एलयूटी न लिया तो टैक्स भरने के बाद होगा निर्यात

जागरण संवाददाता, कानपुर। अगर आप निर्यातक हैं तो 31 मार्च तक लेटर आफ अंडरटेकिंग (एलयूटी) के लिए आवेदन जरूर कर दें। अगर ऐसा नहीं कर सके तो वित्त वर्ष 2024-25 में निर्यात करने से पहले ही आइजीएसटी (इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विस टैक्स) का भुगतान करना पड़ेगा।

इसके बाद ही माल का निर्यात हो सकेगा। निर्यातकों को माल निर्यात करते समय टैक्स का भुगतान पहले से करना होता है। इससे उनकी धनराशि फंस जाती है। इससे बचने का विकल्प एलयूटी है। यह सुविधा वित्त वर्ष के हिसाब से मिलती है। एक अप्रैल 2024 से निर्यात करने के लिए 31 मार्च तक जीएसटी पोर्टल पर इसे अपलोड करना होगा। इसमें अपना जीएसटी पंजीयन नंबर, बैंक खाता आदि जानकारियां देनी हैं।

एलयूटी मिलने के बाद निर्यातक को अपने निर्यात में सिर्फ उस एलयूटी नंबर की जानकारी देनी होगी। इसके बाद उन्हें आइजीएसटी का भुगतान नहीं करना होगा और माल भेजने का मौका मिल जाएगा।

मर्चेंट्स चैंबर की जीएसटी कमेटी के चेयरमैन संतोष कुमार गुप्ता के मुताबिक, 31 मार्च तक एलयूटी न लेने पर एक अप्रैल से किए जाने वाले निर्यात पर पहले टैक्स जमा करना होगा। इसको वापस पाने के लिए आनलाइन क्लेम करना होगा और पूरी प्रक्रिया में दो से तीन माह लग सकते हैं। अगर कार्यशील पूंजी नहीं फंसानी है तो निर्यात के लिए एलयूटी का इस्तेमाल करना चाहिए।

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