'अगर मेरी मौत होती है तो पड़ोसी जिम्मेदार होंगे', महिला टीचर ने लिखा नोट और दरवाजे पर चिपका दिया- इसके बाद...
फोरेंसिक टीम के अनुसार दुर्घटना में जलने के प्रमाण मिले हैं। कमरे के अंदर कोई भी ज्वनलशील पदार्थ जैसे पेट्रोल स्प्रिट आदि नहीं मिला। कमरे में आग लगने के दौरान धुएं से कार्बनडाइ आक्साइड और कार्बन मोना आक्साइड बन गई जिससे आक्सीजन खत्म हो गई और दम घुटने से मंजू की मौत हो गई। वहीं पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
जागरण संवाददाता, कानपुर : ममेरी बहन शैलजा ने बताया कि पड़ोसी नाली का पानी सड़क पर फैला देते थे तो कभी उनके गमले और फुलवारी तोड़ देते थे। इसको लेकर मंजू काफी परेशान रहती थीं।
पुलिस से शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। इससे तंग आकर उन्होंने सितंबर में दरवाजे पर नोट लिख दिया था कि अगर उनकी मौत हो जाती है तो इसके लिए पड़ोसी जिम्मेदार होंगे। साक्ष्य के लिए वह नोट लिख रही हैं। पुलिस ने नोट का मिलान कराने के लिए दरवाजा कटवाकर उसे सुरक्षित किया है।
फोरेंसिक टीम के अनुसार, दुर्घटना में जलने के प्रमाण मिले हैं। कमरे के अंदर कोई भी ज्वनलशील पदार्थ जैसे पेट्रोल, स्प्रिट आदि नहीं मिला। कमरे में आग लगने के दौरान धुएं से कार्बनडाइ आक्साइड और कार्बन मोना आक्साइड बन गई जिससे आक्सीजन खत्म हो गई और दम घुटने से मंजू की मौत हो गई। कमरे में आग की शुरुआत चारपाई के नीचे से हुई थी क्योंकि अगर कोई आग लगाता तो ऊपर से लगाता। हालांकि, दरवाजा बाहर से बंद होने से हादसे की बात पर सवाल उठ रहे हैं।
ममेरी बहन ने पुलिस को दी सूचनामंजू वर्मा की ममेरी बहन शैलजा ने मंजू का जला हुआ शव पाए जाने की सूचना मंजू की बारदेवी में रहने वाली सगी बहन लल्ली के साथ ही पुलिस को दी। इस पर संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध एवं मुख्यालय नीलाब्जा चौधरी, एसीपी अनवरगंज इन्द्रपाल सिंह, थाना प्रभारी नीरज ओझा फोरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंचे और जांच पड़ताल कर साक्ष्य जुटाए।
संयुक्त पुलिस आयुक्त ने मंजूदेवी की बहन से पूछताछ की। बहन ने बताया कि पूर्व में दो पड़ोसियों से वर्ष 2016 से नाली का पानी फैलाने और उनकी फुलवारी तोड़ने को लेकर विवाद चल रहा था। पड़ोसियों ने मंजू के साथ मारपीट की थी। पुलिस से शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं हुई।
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