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IIT Kanpur और सीएसए के विशेषज्ञ देंगे किसानों को तोहफा, अब खेतों की रखवाली करेगा रोबोट

कानपुर में आइआइटी और चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों द्वारा खेतों की निगरानी के लिए रोबोट बनाने का काम अंतिम चरण में हैं। इसमें कई तरह के सेंसर मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का भी प्रयोग किया गया है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Wed, 25 Aug 2021 03:19 PM (IST)
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अाइआइटी कानपुर जल्द देगा किसानों को तोहफा।
कानपुर, जेएनएन। आइआइटी कानपुर बहुत जल्द किसानों को खास तोहफा देकर उनकी खेतों की रखवाली को लेकर सबसे बड़ी समस्या दूर करने वाला है। अब खेतों की रखवाली रोबोट करेगा और उसका ट्रायल आलू के खेत पर करने की तैयारी चल रही है। कानपुर आइआइटी और कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने मिलकर तकनीक तैयार की है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो अक्टूबर में सबसे पहले आलू के खेत में परीक्षण के लिए रोबोट उतारा जाएगा।

अंतिम चरण में है रोबोट बनाने का काम

आइआइटी कानपुर और चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों के संयुक्त प्रयास से रोबोट बनाने का काम अंतिम चरणों में है। इसे कैमरे, कई तरह के सेंसर, एलईडी-एलडीआर, मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लैस किया गया है, जिससे फसल की फोटो और वीडियो लेकर भेज सकेगा। रोबोट मौके पर ही रिपोर्ट तैयार करके आनलाइन जारी कर देगा। आइआइटी के विशेषज्ञों ने सीएसए के विशेषज्ञों से खेत और फसल की संपूर्ण जानकारी साझा करने के बाद रोबोट तैयार कर रहे हैं।

आइआइटी के प्रो. बिशाख भट्टाचार्य और सीएसए के संयुक्त निदेशक शोध प्रो. एस विश्वास मिलकर करीब दो साल से खेतों और फसलों की निगरानी करने वाले रोबोट पर काम कर रहे हैं। इसका डिजाइन छोटे बच्चे की तरह से किया गया है, जिससे की खेतों की मेड़ और क्वारियों पर आसानी से जा सकेगा। विशेषज्ञ इसमें फल और फली को तोड़ने वाली तकनीक को भी इंस्टाल कर रहे हैं। प्रो. एस विश्ववास ने बताया कि रोबोट पर काम जारी है। आलू पर सबसे पहले काम किया जाएगा। यह अपने आप में अलग तरीके का रहेगा। अक्टूबर से ट्रायल होने की उम्मीद है।

डाटा किया जाएगा इंस्टाल : सीएसए के कृषि वैज्ञानिकों ने कई तरह की फसलों के डाटा को सुरक्षित रख लिया है। इसमें फसलों के तैयार होने का समय, रोग, कीटों का हमला, मिट्टी की गुणवत्ता, खाद, सोडियम, पोटेशियम, फासफोरस समेत अन्य तत्वों की मात्रा शामिल है। डाटा को रोबोट इंस्टाल किया जाएगा। सबसे पहले आलू के खेत के के डेटा को रोबोट में डाला जाएगा।

केवीके के सहयोग से पहुंचाई जाएगी तकनीक : केवीके के सहयोग से किसानों तक रोबोट की तकनीक पहुंचाई जाएगी। इसे वहां के अधिकारियों के सहयोग से खेतों तक ले जाया जाएगा। किसानों को जानकारी दी जाएगी।

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