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IIT Kanpur में इंजीनियर भी होंगे संस्कृत के विद्वान, प्रोफेसर भी सीख रहे देवभाषा

संस्कृत भारती संस्था और आइआइटी कानपुर के बीच करार हुआ है। इसी क्रम में आइआइटियंस और प्रोफेसर भी ऑनलाइन कक्षाओं के जरिए देवभाषा सीख रहे हैं । रामायण और गीता की भी जानकारी दी जा रही है ।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Updated: Wed, 10 Mar 2021 06:14 PM (IST)
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कानपुर आइआइटी में लौटी प्राचीन भाषा ।
कानपुर, मोहित गुप्ता। अब आइआइटी के इंजीनियर संस्कृत के भी विद्वान बनेंगे। इसके लिए आइआइटी और संस्कृत भारती के बीच करार हुआ है। संस्कृत भारती की ओर से सप्ताह में दो दिन ऑनलाइन संस्कृत की कक्षाएं ली जा रही हैं।

लॉकडाउन के दौरान लोगों को घर बैठे संस्कृत सिखाने के लिए संस्कृत भारती ने आनलाइन कक्षाएं शुरू की थीं। आज यह कई राज्यों तक फैल चुकी हैं। संस्कृत भारती के प्रांत मंत्री प्रकाश झा ने बताया कि आइआइटी के छात्रों के लिए तीन माह का पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। अभी 60 छात्र ऑनलाइन शिक्षा ले रहे हैं। छात्रों को वाट्सएप में वीडियो, ऑडियो भेजे जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि लॉकडाउन ने संस्कृत का दायरा बढ़ा दिया है। जो लोग इस भाषा का एक अक्षर तक नहीं जानते थे, वे भी अब सीखने लगे हैं। जूम और गूगल मीट में चल रही कक्षाओं के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता। आइआइटी के कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अर्णब भट्टाचार्य ने बताया कि संस्थान और संस्कार भारती के बीच अनौपचारिक समझौता हुआ है। संस्थान के कई छात्र व फैकल्टी संस्कृत सीख रहे हैं।

प्रोफेसर भी सीख रहे देवभाषा

आइआइटी के कई प्रोफेसर, एमटेक, पीएचडी छात्र, डिग्री कॉलेजों और विद्या मंदिरों के शिक्षक ऑनलाइन संस्कृत की शिक्षा ले रहे हैं। इसके साथ ही वह दूसरों को भी शिक्षा के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

विदेशियों को सिखा रहा आइआइटी का छात्र

प्रकाश झा ने बताया कि संस्कृत भारती से संस्कृत सीखकर आइआइटी का एक छात्र अमेरिका में नौकरी कर रहा है। उसने ऑनलाइन संस्कृत सीखी, अब वह गूगल मीट के जरिए विदेशियों को शिक्षा दे रहा है।

रामायण व गीता की दी जाती है जानकारी

ऑनलाइन कक्षाओं में छात्रों को रामायण व भगवत गीता के बारे में संस्कृत में जानकारी दी जाती है। इसमें संस्कृत के कई विद्वान कक्षाएं लेते हैं।

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