माफ करना, उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रहा हूं... लिख IIT Kanpur साफ्टवेयर डेवलपर ने दी जान
Kanpur News कल्याणपुर गोवा गार्डन स्थित विजय इनक्लेव निवासी आइआइटी के साफ्टवेयर डेवलपर दीपक चौधरी ने पंखे में फंदा लगाकार जान दे दी। वह मूल रूप से महाराष्ट्र के जलगांव कोठरी निवासी नितिन चौधरी का पुत्र थे। मौजूदा समय में विजय इनक्लेव कल्याणपुर में रहकर आइआइटी में काम कर रहे थे।
जागरण संवाददाता, कानपुर। मम्मी-पापा मुझे माफ करना। मैं ठीक से काम नहीं कर पा रहा हूं और आपकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पा रहा...। कल्याणपुर के गूबागार्डन स्थित अपार्टमेंट में किराये पर रहने वाले साफ्टवेयर डेवलपर ने मराठी भाषा में यह सुसाइड नोट लिखकर जान दे दी।
सोमवार सुबह रूम पार्टनर की नींद खुली तो साथी का शव फंदे पर लटकते मिला। वह मूलरूप से महाराष्ट्र के जलगांव के रहने वाले थे। यहां आउटसोर्सिंग पर आइआइटी के लिए काम कर रहे थे। घटनास्थल से फोरेंसिक टीम ने नोटबुक में लिखा सुसाइड नोट बरामद किया है। मंगलवार को स्वजन के आने पर शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
मूलरूप से महाराष्ट्र के जलगांव कोठडी निवासी नितिन चौधरी के 25 वर्षीय पुत्र दीपक चौधरी कल्याणपुर के गूबागार्डन में राजस्थान के जयपुर निवासी रूम पार्टनर अमन गुप्ता के साथ अपार्टमेंट में रहते थे। सोमवार सुबह दीपक का शव रस्सी के सहारे पंखे से लटकता मिला।
अमन ने बताया कि वह और दीपक एक ही प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे। रात को खाना खाने के बाद वह अपने कमरे में जाकर सो गए। सुबह दीपक को जगाने पहुंचे तो उसका शव फंदे पर लटकता मिला। कल्याणपुर थाना प्रभारी अजय प्रकाश मिश्र ने बताया कि मराठी में लिखी एक नोटबुक बरामद हुई है। इसमें दीपक ने खुद को मौजूदा माहौल में न ढाल पाने की बात लिखी गई है।
फोरेंसिक टीम ने सुसाइड नोट जब्त किया है, जिसे हैंडराइटिंग एक्सपर्ट के पास भेजा जाएगा। स्वजन को सूचना दी गई है, जिनके मंगलवार सुबह तक आने की उम्मीद है। उनसे बातचीत के बाद ही मौत की वजह स्पष्ट होगी। इसके बाद शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
दीपक चौधरी आउटसोर्सिंग कंपनी के माध्यम से आइआइटी में वेब डेवलपर का काम देखते थे, लेकिन वह आइआइटी के कर्मचारी नहीं थे।
-गिरीश पंत, मीडिया प्रभारी आइआइटी
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